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श्योपुर : 50 पंचायतों में से 41 में सफाई कर्मचारी न होने से गंदगी के ढेर और जलभराव से लोगों का जीना दूभर

बरगवां में देवीपुरा कॉलोनी में सड़क पर जमा हो रहा नालियों का पानी

 सफाई के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए चलाई जा रही केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन की योजना को ग्राम पंचायतें खुद ही पलीता लगा रहीं हैं। आदिवासी विकासखंड की 50 पंचायतों में से 9 पंचायतों को छोड़ दिया जाए तो 41 पंचायतों में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने से गांव में कचरा उठाने की कोई व्यवस्था नहीं है।

गंदगी के ढेरों से ग्रामीण परिवेश फिजां बिगड़ गई है। इन पंचायतों में अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान ही ठेके पर लोगों को लगाकर सफाई की इतिश्री कर ली जाती है। ग्रामीण इलाकों में 15 वें वित्त आयोग की 20 फीसदी राशि सफाई और पानी के नाम पर खर्च कर ली जाती है। इस संबंध में ग्राम पंचायतों को मान के हिसाब से सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए आदेश भी जारी किए गए हैं।

ग्राम पंचायतों के द्वारा सफाई की जाने वाली राशि को हर साल पूरी तरह से खर्च कर लिया जाता है, लेकिन सफाई नहीं होती है। जानकारी के मुताबिक गर्मी, सर्दी और बारिश के मौसम में यह राशि पानी की मोटर सुधरवाने, पाइप डलवाने, मोटर बदलवाने आदि के नाम पर खर्च करते हैं। अधिकारियों का दौरा होने से पूर्व ठेके पर सफाई कर्मचारियों को लगाकर सफाई करा ली जाती है।

सफाई नहीं होने पर गांवों में वर्षभर कचरे के घूरे और जलभराव की स्थिति को आसानी से देखा जा सकता है। इससे ग्रामीण परिवेश की फिजां बिगड़ने के साथ ही जनस्वास्थ्य को संक्रमण की बीमारियों का खतरा रहता है। जनपद की ज्यादातर पंचायतों में सफाई कर्मचारी क्यों तैनात नहीं है इस संबंध में अधिकारियों को भी जानकारी नहीं है। पंचायत इंस्पेक्टर व्हीएन तोमर का कहना है कि वह इस संबंध में पंचायत सचिवों से जानकारी लेंगे और वहां सफाई कर्मचारियों को नियुक्ति कराई जाएगी।

178 ग्राम पंचायतों के अधीन गांव में नहीं लगती झाड़ू
भले ही शासन द्वारा समय समय पर स्वच्छता को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्र की सूरत नहीं बदल रही है, जिले की 178 ग्राम पंचायत में सफाईकर्मी नियुक्त नहीं होने के कारण इनके अधीन 400 से अधिक गांव में सफाई के इंतजाम नहीं है। इन दिनों घर-घर में सफाई व रंगाई पुताई के चलते बड़ी मात्रा मेंं कचरा निकल रहा है। घर से निकलने वाला कचरा नहीं उठने के कारण आम रास्ता और सार्वजनिक स्थलों पर ढेर लग गए हैं।

जनपद की सिर्फ 9 पंचायतों में सफाई कर्मचारी
कराहल जनपद के अंतर्गत 50 ग्राम पंचायतें आती हैं। इनमें सिर्फ 9 पंचायतों में ही सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति है। कराहल राजस्व मुख्यालय में 20 वार्डों की सफाई के लिए पंचायत ने 40 सफाई कर्मचारियों को तैनात किया है। इसी तरह सेसईपुरा, आवदा, हीरापुर, गोरस, बरगंवा, खिरखिरी, पहेला, पटोंदा पंचायतों में सफाई कर्मचारियों को तैनात हैं। खास बात यह है कि इन पंचायतों में सफाई कर्मचारी होने के बाद भी नियमित सफाई नहीं होने से गंदगी के ढेर दिखाई देते हैं।

पंचायत सचिवों से लेंगे जानकारी ब्लॉक की 41 ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मचारी क्यों नहीं है और इनकी सफाई की राशि कहां खर्च की जा रही है इसके लिए पंचायत सचिवों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी जा रही है। ग्राम पंचायतों में नियमित सफाई कराने के लिए पंचायत सचिवों को पाबंद किया जाएगा। सफाई नहीं होने पर उन पर कार्रवाई करेंगे। -विश्वनाथ सिंह तोमर, पंचायत इंस्पेक्टर, कराहल

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