मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 35% ओबीसी आरक्षण के लिए डाटा पेश कर दिया है। मामला त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव का है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली तारीख 10 मई निर्धारित की है। उम्मीद की जा रही है कि पंचायत चुनाव को लेकर इसी दिन फैसला आ जाएगा।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नाराजगी व्यक्त करने के बाद मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने शाम को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पिछड़ा वर्ग आयोग की 15 दिन पुरानी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी थी जिसमें दावा किया गया है कि मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या 48% है, इसके आधार पर चुनाव में उन्हें 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस डाटा को पेश करने के लिए 25 मई तक का समय मांगा था परंतु सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार दोपहर 2:00 बजे तक का समय दिया था। निर्धारित समय पर मध्य प्रदेश सरकार की ओर से डाटा प्रस्तुत कर दिया गया।
वर्तमान में 15% सीटें SC, 20% ST सीटें के लिए रिजर्व हैं। इन दोनों के 35% में यदि ओबीसी का 35% जोड़ दिया जाए तो चुनाव में कुल आरक्षण 70% हो जाएगा। यह नोट करने वाली बात यह है कि बचा हुआ 30% सामान्य जाति वर्ग के लिए नहीं होगा बल्कि सभी के लिए ओपन होगा।
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