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MP : रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम:चल समारोह में 20 बड़ी प्रतिमाएं व 12 से ज्यादा झांकियां, सिंध नदी में क्रेन से की गईं विसर्जित




 शिव की पावन नगरी शिवपुरी में गणेश चतुर्थी के दिन श्रीगणेशजी की स्थापना के साथ लोगों ने खूब भक्ति -आराधना की। अनंत चौदस के दिन शुक्रवार को श्री गणेश सांस्कृतिक समारोह समिति के तत्वावधान में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ शहर में चल समारोह निकाले गए। शहर के बड़े पांडालों से 20 से ज्यादा गणेश प्रतिमाएं शामिल हुईं। जबकि 12 से ज्यादा चल झांकियां भी निकाली गईं।

रात 1 बजे के बाद गणेश जी व चल झांकियां अपने अपने स्थानों से उठीं और मुख्य आयोजन स्थल कस्टम गेट पर पहुंचने के बाद सदर बाजार टेकरी होते हुए गांधी चौक से माधव चौक होते हुए विसर्जन के लिए अमोला पुल पहुंची।

कोटा-झांसी फोरलेन हाइवे के अमोला पुल पर शुक्रवार की देर शाम से ही क्रेन की मदद से सिंध नदी में बड़ी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता रहा। यहां पुलिस सुरक्षा के बीच गणेश विसर्जन हुआ। रेस्क्यू के लिए पहले से नाव के साथ टीम नदी में मौजूद रही।

इधर शिवपुरी शहर को श्रद्धालुओं ने दुल्हन की तरह सजाया। कोविड-19 महामारी की वजह से गणेश महोत्सव दो साल तक फीका रहा। लेकिन जैसे ही सबकुछ सामान्य हुआ, गणेश महोत्सव अपने मूल स्वरूप में लौट आया। लाखों श्रद्धालुओं ने फिर से वापसी की कामना के साथ श्री गणेश जी का विसर्जन किया।

चल समारोह की वजह से दूसरे दिन विशेष रौनक
कस्टमगेट पर सांस्कृति कार्यक्रमों का सिलसिला 8 सितंबर की शाम से ही शुरू हो गया था। 9 सितंबर को चल समारोह की वजह से विशेष रौनक रही। सभी झांकियां ढीले पर धार्मिक धुनों के साथ निकलीं। लाईटिंग की वजह से पूरा शहर जगमगा उठा। दूर दराज क्षेत्रों से चल समारोह देखने आए श्रद्धालुओं के लिए शहर में कई जगह अलग-अलग तरह का प्रसाद वितरित किया गया।

सबसे सुंदर, बड़े गणेश जी और अच्छी झांकी के लिए पुरस्कार मिलेगा
श्री गणेश सांस्कृतिक समारोह समिति द्वारा हर साल की तरह इस साल भी सबसे सुंदर और सबसे बड़े गणेश जी के लिए नगर पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा सबसे अच्छी झांकी के लिए भी पुरस्कार दिया जाएगा। 9-10 सितंबर की दरम्यानी रात के चल समारोह में शामिल झांकी व प्रतिमाओं के लिए निर्णाक समिति बनाई गई है।

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