शिवपुरी, / राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के अधीन कार्यरत कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला सह ओरिएंटेशन कार्यक्रम आज खरीफ फसल प्रबंधन तकनीक, मिलेट्स (श्रीअन्न) फसलों की जागरूकता सह प्राकृतिक खेती प्रोत्साहन, मूल्यवान उद्यानिकी फसलों की खेती के साथ-साथ पशुधन एवं चारा प्रबंधन विषयों पर आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुरेश सिंह कुशवाह, सहायक संचालक उद्यान जिला शिवपुरी रहे।
कृषि वैज्ञानिकों/विशेषज्ञों द्वारा खरीफ में ली जाने वाली प्रमुख फसलों मूंगफली, सोयाबीन, मक्का, धान, उड़द, मूंग, बाजरा, तिल एवं मिलेट्स (श्रीअन्न) फसलों के लिए समसामयिक प्रबंधन तकनीकियों पर जानकारी देते हुए अधिक मूल्यवान फसलों टमाटर, शिमलामिर्च, स्ट्राबेरी इत्यादि के बारे में उन्नत तकनीकियों जैसे मल्चिंग, स्टेकिंग, जलप्रबंधन के बारे में परामर्श दिए गए।
जिले के कृषि में विस्तार कार्यकर्ताओं द्वारा कृषकों के लिए प्रसार हेतु कृषि तकनीकियों जैसे मूंगफली में अर्दिंग, जिप्सम प्रयोग, सोयाबीन में खरपतवार सह जलप्रबंधन, मिलेट्स फसलों के प्रोत्साहन एवं प्रसंस्करण, टमाटर में स्टेकिंग सह मल्चिंग ड्रिप इत्यादि के बारे में विस्तार से जानकारियां दी गईं। कृषि विज्ञान केन्द्र पर प्रदर्शन इकाइयों-समन्वित कृषि प्रणाली, वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन-फसल संग्रहालय में मिलेट्स (श्रीअन्न) की खेती, प्राकृतिक खेती इकाई, वर्षभर हराचारा उत्पादन, फलवृक्ष संतति इकाई, वर्षाजल संचयन इकाई, प्राकृतिक खेती प्रदर्शन में लगाई गई मूंगफली फसल का भ्रमण एवं अवलोकन कराते हुए जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया। कार्यक्रम में कृषि, आत्मा, उद्यानिकी, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, पशुपालन, मत्स्य एवं एन.जी.ओ. के विस्तार कार्यकर्ताओं सहित 60 से अधिक विस्तार सेवकों की सहभागिता रही।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. पुनीत कुमार ने केन्द्र के समस्त वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों की टीम के साथ जिले में अनुकूल कृषि तकनीकियों को बतलाया गया एवं अपेक्षा की गई कि विस्तार कार्यकर्ता उन्नत कृषि तकनीकियों का जिले के विभिन्न विकासखण्डों एवं ग्रामों में कृषकों तक पहुंचायेंगे।

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