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शासकीय नवीन महाविद्यालय बिर्रा में हिंदी स्नातकोत्तर में कार्यशाला

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि

(हिंदी भाषा विमर्श)

बिर्रा-शासकीय नवीन महाविद्यालय बिर्रा में शिक्षक एवं महाविद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा 14 सितंबर को मनाए जाने वाले हिंदी दिवस को 15 सितंबर को कार्यक्रम बड़े उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि तारणीश गौतम (विभागाध्यक्ष हिंदी शासकीय बीआर अंबेडकर महाविद्यालयo पामगढ़) के साथ सभी अतिथियों एवं गुरुजनों के द्वारा सरस्वती माता की तैलचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित करके हुआ। कार्यक्रम में सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एच एल शर्मा जी ने बताया ही इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चो में हिंदी भाषा के प्रति रुचि उत्पन्न करना था। उन्हें अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी का ज्ञान भी होना आवश्यक है क्योकि यह हमारी मातृभाषा, राष्ट्रभाषा व राजभाषा है। इस दौरान विद्यालय में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओ का आयोजन किया गया। विशिष्ट अतिथि कंचना गोपाल ने कहा कि भारत की तो शान है हिंदी हम सब की पहचान हिंदी। हिंदी दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यातिथि ताड़िस गौतम ने बताया कि हम हिंदी दिवस आखिर क्यों मनाते है और कहा कि भाषा अनंत काल से मानवीय अस्मिता का महत्वपूर्ण अंग रही है और यह अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम भी है। अत: हमें अपनी राजभाषा का सम्मान अवश्य करनी चाहिए। कहा कि 14 सितंबर 1949 को इसे संघ की राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इस दिवस की स्मृति में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी के व्याख्याता श्याम स्वरूप शुक्ला ने कहा कि जिस प्रकार हम अपनी जन्म देने वाली मां जन्मभूमि मातृभाषा राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्रगान इत्यादि का हमेशा सम्मान करते हैं उसी प्रकार अपनी राजभाषा और राष्ट्रीय भाषा का भी सम्मान करना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर इन सभी की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। आगे विशिष्ट अतिथि ने कहा कि हिंदी के बिना हिंदुस्तान में आगे बढ़ना संभव नहीं है।

कार्यक्रम में उपस्थित छात्र छात्राएं

हिंदी हमारे देश के अंतस में बसी भाषा है जो हमारे पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधी रखी है और कश्मीर से कन्याकुमारी तक बोली समझी जाती है। यदि हम चाहते हैं कि हमारा लोकतंत्र निरंतर प्रगतिशील रहे और अधिक मजबूत बने तो हमें संघ के कामकाज में हिंदी का ही प्रयोग करना होगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित शिक्षक मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि हिंदी सिर्फ हमारे देश ही नहीं बल्कि श्रीलंका, सिंगापुर, फिजी, मॉरीशस इत्यादि देशों में बोली समझी जाती है और बताया कि हिंदी भाषा का व्याकरण लिपि इत्यादि अन्य भाषा से काफी समृद्ध और सशक्त है और कहा की हिंदी की हमारी बिंदी भी बोलती है। कार्यक्रम में एनएसएस के सभी स्वयंसेवक एवं स्वयं सेविकाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मुकेश ने किया। एवम आभार प्रदर्शन डॉ. मोतीचंद्र अनंत ने किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि तारणीश गौतम (विभागाध्यक्ष हिंदी शासकीय बीआर अंबेडकर महाविद्यालय पामगढ़), विशिष्ट अतिथि श्याम स्वरूप शुक्ला (व्याख्याता शासकीय उमा. विद्यालय नवागढ़), आकांक्षा गोपाल, मनोज कुमार तिवारी (व्याख्याता शासकीय उमा. विद्यालय बिर्रा), सनद कुमार वर्मा, एफआर पटेल, प्रेमसागर कश्यप महाविद्यालय से प्राध्यापक डॉ. कैलाश टाइगर, उत्तम सिदार, सौरभ शर्मा, योगेश टंडन, रत्नेश भारती, प्रेमलता कश्यप, पंकज चंद्रा सहित महाविद्यालय के छात्र छात्राएं भारी संख्या में उपस्थित थे।

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