- कांग्रेस का आरोप, सरकार ने खाद मांगने पर भेजा जेल
- एसपी ने दिए जांच के आदेश
शिवपुरी जिले के करैरा कस्बे में खाद के टोकन लेने कतार में लगी महिला किसान को विवाद के बाद करैरा पुलिस ने शांतिभंग की धाराओं में शुक्रवार को जेल भेज दिया था। कांग्रेस का आरोप है एक ओर किसानों को खाद उपलब्ध कराने में सरकार नाकामयाब साबित हो रही है। जब किसान इसका विरोध करती है। तो उन्हें जेल में डाला जा रहा है। कांग्रेसी नेता का आरोप है कि शुक्रवार को महिला किसान को जेल भेजा गया था। लेकिन प्रयास के बावजूद उसे जमानत नहीं दी गई। जब कांग्रेस ने आंदोलन की बात कही तब कहीं जाकर महिला को आज रविवार को छोड़ा गया है। वहीं अब एसपी अमन सिंह राठौड़ ने इस मामले में जांच के आदेश दिए है।
पहले समझे पूरा मामला -
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को छीतरी गांव की रहने वाली विधवा महिला किसान गौरा पत्नी सुरेश कुशवाह (35) खाद के टोकन की चाह में रात दो बजे अपने गांव से चलकर करैरा पहुंची हुई थी। शुक्रवार की सुबह वह लाइन में लगी हुई थी। इसी दौरान उसके पीछे लगी महिला किसान ने उसके किसान होने पर संदेह जताते हुए उसे मील का मजदूर बताते हुए पैसों के लिए टोकन लेने के लिए लाइन में लगने के आरोप लगा दिए थे। इसी बात को लेकर महिलाओं के बीच विवाद हो गया था। पुलिस ने मौके महिला को समझाईस का प्रयास किया था। बाद में महिला के खिलाफ पुलिस शांति भंग की धाराओं में मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था।
जेल से छुटकर महिला का छलका दर्द -
आज जेल से छुटकर आई विधवा महिला किसान गौरा कुशवाह का कहना था कि वह खाद का टोकन लेने लाइन में लगी थी लेकिन उसे टोकन नहीं मिला यहां विवाद हुआ और उसे जेल भेज दिया गया।
कांग्रेस ने उठाए सवाल -
कांग्रेसी नेता मानसिंह फौजी ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि खाद लेने आई महिला किसान पर जुर्म हुआ है। महिला किसान खाद का टोकन लेने आई थी। लेकिन उसे खाद का टोकन नहीं मिला लेकिन उसे जेल भेज दिया गया। दो दिन से उसकी जमानत के प्रयास किए जा रहे थे लेकिन उसे जमानत नहीं दी जा रही थी। जब आंदोलन की चेतावनी दी गई तब कहीं जाकर महिला किसान की जमानत स्वीकार की गई है।
करैरा पुलिस बोली - महिला पुलिस के समझाने के बाद भी नहीं समझी थी
इस मामले में करैरा थाना प्रभारी विनोद छावई का कहना है कि महिला खाद के टोकन के लिए लाइन लगी थी। इस दौरान उसने अन्य महिलाओं के साथ विवाद करना शुरू कर दिया। पहले पुरुष पुलिस बाद में महिला पुलिस ने समझाइस देने का प्रयास किया था। लेकिन महिला पुलिस की समझाइस के बादजूद महिला हंगामा करती थी। महिला के अभद्रता और हंगामा करने के आरोप पर महिला पर शांति भंग की धाराओं में मामला दर्ज कर एसडीएम न्यायालय में पेश किया था। यहां से उसे जेल भेज दिया गया था।
एसपी ने दिए जांच के आदेश -
इस मामले में पुलिस अधीक्षक के अमन सिंह राठौड़ का कहना है की महिला को शांति भंग की धाराओं में जेल भेजा गया था ऐसा क्या कारण रहा किस वजह से पुलिस को महिला को जेल भेजना पड़ा इसके लिए जांच के आदेश करेरा एसडीओपी को दिए थे।
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