Music

BRACKING

Loading...

Shivpuri : News : वार्षिकोत्सव एवं छात्र विदाई समारोह _ मंच पर छात्राओं ने थामा दण्ड किया शौर्य का प्रदर्शन, फूलों की होली, पुष्प वर्षा के बीच ढोलताशों से दी बच्चों को विदाई

 शिवपुरी शहर के एकीकृत शासकीय कउमावि आदर्श नगर में वार्षिकोत्सव एवं छात्र विदाई समारोह एक ऐसा यादगार आयोजन बन गया जिसे वर्षों तक स्मृतियों मेें संजोकर रखा जाएगा। यह समारोह जहां एक ओर इंद्रधनुषी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजा वहीं दूसरी ओर छात्राओं की भावुक विदाई ने पूरे माहौल को संवेदनाओं से भर दिया।

जब मिडिल स्कूल की छात्राओं को उनके जूनियर्स ने गले लगाकर नगाड़ों की गूंज के बीच विदाई दी तो ऐसा लगा जैसे वे स्कूल से नहीं बल्कि अपने घर से विदा हो रही हों। पूरे पंडाल में सिसकियां गूंज गईर्ं, हर किसी की आँखें छलक पड़ीं। जिस कार्यक्रम की शुरुआत हँसी.खुशी और नृत्य संगीत से हुई उसका समापन विदाई के समय आंसुओं से सराबोर दिखाई दिया। सबसे भावुक दृश्य तब बना जब शिक्षक.शिक्षिकाएँ भी बच्चों को विदा करते समय उनके साथ फफक.फफक कर रोने लगे।

-छात्राओं की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां- 

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदना से हुआ, जिसके बाद रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ एक के बाद एक मंच पर छा गईं। एकल नृत्य, युगल नृत्यए और समूह नृत्य की शानदार प्रस्तुति ने ऐसा समां बाँधा कि तालियों की गड़गड़ाहट हाल में गूंजती रही।

कार्यक्रम का सबसे रोमांचकारी और प्रेरणादायक क्षण तब आया जब मातृशक्ति दंड चालन प्रदर्शन में छात्राओं ने मंच पर लाठी चालन का स्तब्धकारी प्रदर्शन किया। इस दौरान उनकी दृढ़ता और आत्मविश्वास ने यह संदेश दिया कि बेटियाँ अबला नहीं, बल्कि शक्ति और साहस की प्रतिमूर्ति हैं।

विदाई के भावुक क्षण जब शिक्षक भी रोक नहीं पाए अपने आँसू - 

विदाई के दौरान जूनियर्स ने सीनियर्स के लिए केक कटवाया, उनका तिलक किया, माल्यार्पण किया और फिर गले लगकर उन्हें विदा किया। यह दृश्य इतना भावुक और मार्मिक पल था कि हर तरफ रुलाई की आवाज़ें सुनाई देने लगीं।

यहां फूलों की होली भी हुई और इसके बाद पुष्पवर्षा के बीच जब छात्राओं ने अपने सहपाठियों और शिक्षकों से विदाई ली तो पूरे स्कूल का माहौल करुणा और प्रेम से भर गया। बच्चों के साथ.साथ शिक्षक और शिक्षिकाएँ भी फफक.फफक कर रो पड़े। ऐसा लग रहा था जैसे कोई बेटी अपने मायके से ससुराल के लिए विदा हो रही हों। उनकी आँखों में प्यार स्नेह और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ थीं लेकिन होठों पर विदाई की पीड़ा भी साफ झलक रही थी।

संचालन और आशीर्वचन - 

इस पूरे आयोजन और संचालन में स्कूल परिवार के शिक्षक भगवत शर्मा, एचआर मिश्रा, संध्या शर्मा, ज्योति श्रीवास्तव, ज्योति भार्गव, ब्रजेश बाथम मनोज पुरोहित तथा सेवानिवृत्त शिक्षक कैलाश भार्गव सहित समस्त स्टाफ ने किया।

शिक्षक भगवत शर्मा ने अपने आशीर्वचन में कहा विद्यालय केवल एक ईंट गारे की इमारत नहीं बल्कि एक परिवार होता है। बच्चे इसकी आत्मा होते हैं। छात्राएं जीवन में अनुशासन और परिश्रम से आगे बढ़ें यही हमारी शुभकामनाएं हैं। आज आप विदा हो रही हैं लेकिन हमारे दिलों में हमेशा बनी रहेंगी।

ढोल नगाड़ों के साथ दी समुदाय ने विदाई-

सहभोज के बाद जब नगाड़ों की धुन पर छात्राओं को विदाई देने के लिए सभी स्कूल के बाहर आए तो यह दृश्य देखने के लिए आसपास के नागरिक भी इक_े हो गए। बच्चों का आपसी प्रेम शिक्षकों का वात्सल्य और इस अनोखी विदाई को देखकर नगरवासियों की आँखें भी नम हो गईं।

यादों में बसा रहेगा यह दिन

यह आयोजन केवल एक वार्षिकोत्सव नहीं था बल्कि बेटी विदाई के संस्कार जैसा अनुभव बन गया। हर किसी ने इसे अपने हृदय में संजो लिया। यह क्षण हर साल याद किया जाएगा जब बेटियाँ स्कूल से नहीं बल्कि अपने घर से विदा होती हुई प्रतीत हुईं और उनके साथ शिक्षक भी  रो पड़े।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ