शिवपुरी निवासी वंदना शिवहरे ने पारंपरिक ग्रामीण लोककला मांडना आर्ट को एक अलग पहचान दिलाई है। उन्होंने इस पारंपरिक चित्रकारी की कला को जीवंत किया है और आज इस क्षेत्र में अपना मुकाम हासिल किया है। उनका सफर वर्ष 2010 से शुरू हुआ और निरंतर इस क्षेत्र में वह आगे बढ़ रही हैं और कई महिलाओं को जोड़कर उन्होंने मांडना आर्ट को बढ़ाया है।
वंदना बताती हैं कि वर्ष 2018 में दो विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। पहला रिकॉर्ड सिंगल नॉमिनेशन में 500 से अधिक पेंटिंग्स बनाने के लिए और दूसरा एक दिन में एक समय पर अपने समूह के साथ 500 से अधिक पेंटिंग बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले में मांडना चित्रकारी की है। विभिन्न सेमिनार, कार्यशाला और समर कैंप के माध्यम से मांडना चित्रकारी को अलग-अलग स्थान पर उकेरा है। वर्ष 2021 में मध्यप्रदेश टूरिज़्म के समन्वय से एक माह की कार्यशाला आयोजित की, जिसमें शिवपुरी की 32 महिलाओं को मांडना चित्रकला का प्रशिक्षण दिया और इसके बाद भोपाल में एक प्रदर्शनी में अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई।
इसके बाद, वर्ष 2022 में नगर पालिका की सहायता से "ॐ आर्य" नाम से एक स्व-सहायता समूह का गठन किया और इस क्षेत्र में कार्यरत कलाकारों को एक मंच पर लाकर लोक कला को संगठित रूप में आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
वंदना शिवहरे का यह समर्पण न केवल कला जगत में मिसाल है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में भी यह प्रेरणादायक है।
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