शिवपुरी, 22 मई 2025/जिले में गेहूं फसल की कटाई के बाद कुछ किसानों ने गेहूं के अवशेष (नरवाई) जला दिए थे। जिले में कई गांव में ऐसी घटनाएं घटित हुई थी। जिनमें लगातार कार्रवाई की गई । तिलहन आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा गत दिवस ग्राम इंदार, बदरवास एवं गुरुवार को ग्राम खरई, कोलारस में मृदा परीक्षण एवं फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति किसानों को जागरूक किया।
इस कार्यक्रम में किसान को मृदा परीक्षण की आवश्यकता क्यों है इसके महत्व की विस्तृत जानकारी के साथ किसानों को समझाया गया। मृदा नमूने लेने के तरीके किसानों के खेत पर जाकर बताए, मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार करने एवं खाद प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया है। इसके साथ-साथ खरीफ की तैयारी हेतु ग्रीष्मकालीन जुताई, फसल अवशेष प्रबंधन, खेत की तैयारी, बीजोपचार, बुवाई की आधुनिक तकनीकियां, मृदा एवं जल सरंक्षण तकनीकियां, मौसम संबंधी, फसल प्रबंधन आदि का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के जे. सी. गुप्ता वैज्ञानिक (पौध संरक्षण), डॉ. ए. एल. बसेड़िया वैज्ञानिक (कृषि अभियांत्रिकी), डॉ. लक्ष्मी वैज्ञानिक (मत्स्य), एन. के. कुशवाहा वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी (कृषिवानिकी), विजय प्रताप सिंह शोध सहायक (दामु) ने किसानों को तकनीकी जानकारियां दीं।
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