दुकानों से किराए के रूप में हजारों रुपये महीने की कमाई करता है बाबू
बैराड़। बैराड़ नगर परिषद के सीएमओ आवास व मनोरंजन भवन पर नगर परिषद के ही एक बाबू ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया। जब बाबू द्वारा सरकारी भवन पर कब्जा करने के मामले ने तूल पकड़ा तो बाबू ने उक्त जमीन पर पिता के नाम पट्टा बताकर न्यायालय की शरण ले ली। न्यायालय में भी वह केस हार गया है। कब्जा पूरी तरह से अवैधानिक साबित हुआ है। न्यायालय ने करीब दो माह पहले फैसला सुना दिया, बाबजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों ने कब्जा हटवाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए हैं।
जानकारी के अनुसार बैराड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने बने सीएमओ भवन व मनोरंजन भवन पर बैराड़ नगर परिषद में कार्यरत बाबू संजय पुत्र शिवनारायण गुप्ता ने वर्ष 2019 में अवैध रूप से कब्जा कर लिया। इस मामले ने तूल पकड़ा, कब्जा हटवाने के लिए स्थानीय राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के लोगों ने बैराड़ तहसील कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया,परंतु कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। बाबू संजय गुप्ता ने कुछ दस्तावेज प्रस्तुत कर यह साबित करने का प्रयास किया कि शासन ने उसके पिता शिवनारायण गुप्ता को उक्त जमीन का पट्टा दिया है।
सीएमओ भवन पर कब्जा कर बनाई गई दुकानें।
कोर्ट के फैसले में अतिक्रमण साबित होने के बाद भी जिम्मेदारों ने नहीं की कोई कार्रवाई।
मामले की जांच हुई,जांच में उक्त दस्तावेज संदिग्ध पाए गए तो संजय गुप्ता ने अपने पूरे परिवार की ओर से न्यायालय की शरण ली,जिसमें शिवपुरी कलेक्टर व बैराड़ नगर परिषद के खिलाफ केस लगाया गया। व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड पोहरी अंजली पटेल के न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रकरण में सामने आए तथ्यों एवं साक्ष्यों पर विचारण उपरांत न्यायाधीश ने कब्जे को अवैध माना। उन्होंने संजय गुप्ता और उनके परिवार द्वारा लगाए गाए दावे को निरस्त कर दिया। उक्त आदेश 30 अप्रैल 2025 को जारी होने के बावाजूद अभी भी बाबू है। ने सरकारी भवन पर कब्जा कर रखा है। खास बात यह है कि जिस दौरान मामला न्यायालय में विचाराधीन था,उसी दौरान बाबू संजय गुप्ता ने आसपास की और भी सरकारी भूमि पर कब्जा कर वहां दो दुकानें और बना लीं। उक्त दुकानों को भी बाबू ने किराए पर लगा रखा है जिससे हर माह हजारों रुपये का किराया वसूला जा रहा है।
यह मामला सीएमओ भवन पर
कब्जा करने का है। अभी तक मेरे पास फैसले की सर्टीफाइड कापी नहीं आई थी। इसके अलावा काम की व्यस्तता के चलते मामला दिमाग से निकल गया था। मैं इस मामले में सीएमओ को पत्र लिख कब्जा हटवाने की कार्रवाई के संबंध में निर्देश देता हूं।
दृगपाल सिंह बैस, तहसीलदार वैराड़।
मैं आज भोपाल मीटिंग में मे मामले को लौट कर दिखवाता हूं। प्रकरण में अतिक्रमण हटवाने के लिए वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। मेंहूं। मैं इस
बाबूलाल कुशवाह, सीएमओ बैराड़।
जिससे हर माह हजारों रुपये का किराया वसूला जा रहा है।
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