शिवपुरी, 6 अगस्त 2025/ कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी द्वारा समस्त कार्यालय प्रमुखों को निर्देश दिए है कि अपने एवं अपने अधीनस्थ एवं सम्बद्ध कार्यालयों में आंतरिक परिवाद समिति का गठन करें। साथ ही आंतरिक परिवाद समिति गठित कर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को अवगत कराऐं।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिए आंतरिक परिवाद समितियों के गठन के निर्देश दिये है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा महिलाओं के यौन उत्पीडन को लैंगिक असमानता, स्वंतत्रता के अधिकारों का उल्लंघन, भेदभाव पूर्ण बताते हुए इसकी रोकथाम के लिए कड़े निर्देश दिये है। महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम 2013 के अंतर्गत प्रत्येक शासकीय, अशासकीय कार्यालय अथवा संस्था पर जहां 10 या 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है, उसमें अंतरिक परिवाद समिति गठन करने का प्रावधान है। अधिनियम की धारा 26 के तहत आंतरिक परिवाद समिति का गठन न करने पर कार्यालय प्रमुख पर 50 हजार रुपये अर्थदंड अधिरोपित करने का प्रावधान है।
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