बाल विवाह किशोर- किशोरियों के जीवन के लिए अभिशाप है, जो उनके भविष्य के सपनों नष्ट करने का काम करता है। इसलिए हम सभी को मिलकर बाल विवाह के खिलाफ खड़े होने की आवश्यकता है। हमें इस बात का संकल्प लेना होगा कि हम अपने आसपास कोई बाल विवाह नहीं होने देंगे। यह बात बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने कही। रविवार को पीजी कॉलेज शिवपुरी में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जनअभियान परिषद द्वारा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम अंतर्गत संचालित बीएसडब्ल्यू एवं एमएसडब्ल्यू के छात्रों ने भाग लिया। सभी छात्रों ने जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए संकल्प लिया। कार्यक्रम में जनअभियान परिषद के विकासखंड समन्वयक शिशुपाल सिंह जादौन, परामर्शदाता केशव शर्मा,पदमा शिवहरे,सीमा पचौरी एवं रेखा समाधिया एवं बीएसडब्ल्यू तथा एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम के स्टूडेंट्स मौजूद रहे। बाल विवाह की समाप्ति तक चलेगा अभियान दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 27 नवंबर 2024 को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य वर्ष 2029 तक भारत को बाल विवाह मुक्त बनाना है। यह सिर्फ एक अभियान नहीं, सामुदायिक जन आंदोलन है, जो बाल विवाह की समाप्ति तक जारी रहेगा। यह एक अभियान नहीं, बाल विवाह के अंत का शंखनाद है। हमें जन जागरण के माध्यम से इस कुरीति को समाप्त करना है। 8 मार्च तक सघन अभियान चलेगा बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि देश से बाल विवाह को मिटाने के लिए 100 दिन तक अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। जिसमें विभिन्न विभागो के समन्वय से अधिक से अधिक लोगों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों से परिचित कराकर अभियान से जोड़ेंगे और उन्हें बाल विवाह की खिलाफत करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करेंगे। अभियान के प्रमुख बिंदु बाल विवाह के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देकर अभियान को जन आंदोलन बनाएंगे। स्कूल, कॉलेज एवं समुदाय में बाल विवाह के दुष्परिणाम बताए जाएंगे। बाल विवाह मुक्त होने वाले ग्राम/ वार्डों को अवार्ड एवं सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। विभिन्न विभागों के समन्वय से बाल विवाह की समाप्ति तक अभियान चलाया जाएगा।

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