*👉👉संक्रमण फैला तो जान भी जा सकती है*
कोलारस - एक तरफ जिले और क्षेत्र में डेंगु का कहर बरपा है। जिस पर काबू पाने के लिए शासन प्रशासन के सभी तंत्र फैल शाबित हो रहे है। कोलारस नगर में भी डेंगू से हाल ही में कई जिंदगियां निगल ली है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारीयो द्वारा कोई कठोर कदम नही उठाए जा रहे है। ऐसे में प्रशासन का एक और बड़ी लारवाही सामने आई है। जहां अब अस्पताल और क्लीनिको से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट बाहर नदी नालो में फेंका जा रहा है। जो लोगों की सेहत के लिए खतरनाक बनता जा रहा है। विदित हो की राई रोड पर बनी नालो की पुलिया और कई अन्य स्थानो पर बीते लंबे समय से पर मेडिकल बेस्ट फेंका जा रहा है। जिसके चलते मेडीकल बेस्ट से उठने वाली गैस से संक्रमण का खतरा बड़ने लगा है। इसके साथ ही मामला प्रकाश में आते ही कचरे में आग लगाकर नगर की हवा को दूषित करने की पुर्जोर कोशिश की जा रही है। जिससे संक्रमण फैलने की आशंका भी है। यदि संक्रमण फैल गया तो कई लोगों को चपेट में लेगा और जिससे लोगों की जान का खतरा भी पैदा हो सकता है। डाॅक्टर भी मानते है की मेडिकल बेस्ट से कई तरह के संक्रमण फैल सकता है। इसके साथ ही सूत्र बताते है की यह सब राई रोड पर संचालित होने वाले क्लीनिको के द्वारा किया जा रहा है। इसके साथ ही दर्जनो झोलाछाप डाॅक्टर भी शाम के समय दुकानो के सामने रोज मेडिकल बेस्ट को जला रहे है। यह सब स्वास्थ विभाग और नगर परिषद की लापरवाही के कारण हो रहा है। इसके साथ ही खास बात यह है की इन्ही नालो में आस पास के जानवर पानी पीने आते है। ऐसे में जानवरो को भी संक्रमण का खतरा बड़ रहा है। ऐसे मे देखना यह है कि स्थानीयम अधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते है।
*👉👉यह हो सकता है खतरा -*
विशेषज्ञों के मुताबिक अस्पताल से निकले मेडिकल वेस्ट संक्रमित होता है। खून लगी कोटने, इंजेक्शन की सींरिज, बोतल सहित अन्य कचरा बगैर जलाए भी संक्रमण फैला सकता है। यदि इस कचरे को जलाया जाए तो भी लोगों के साथ पर्यावरण को भी खतरा होता है। ऐसे में इसका निस्तारण सही तरीके से किया जाना ही ठीक रहता है। अस्पताल के एक डॉक्टर के मुताबिक मेडिकल वेस्ट जहां फेंका जा रहा है यदि वह स्थान लोगों के करीब है तो ऐसा नहीं होना चाहिए। बताया जाता है की नीयम अनुसार अस्पताल और क्लिनक से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट और बायोमेडिकल वेस्ट एक जगह एकत्रित किया जाता है और उसे एक तय वाहन आकर ले जाता है। जिसका निस्तारण किया जाता है।
*👉👉झोलाछापो की अहम भूमिका, बोना पड़ा स्वास्थ विभाग और स्थानीय प्रशासन -*
जैसा की विदित हो कि कोलारस नगर में झोलाछाप डाॅक्टरो की भरमार है। और प्रशासन बीते लंबे समय से इनपर कार्यवाही करपने के मामलो में बोना साबित हो रहा है। दबाब में कार्यवाही तो होती है कार्यवाही के नाम पर सिर्फ दिखावे तक ही सीमित रह जाती है। ऐसे में बताया जाता है की कई मामलो में झोलाछाप डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी का ईलाज करने से भी बाज नही आ रहे है और मरीजो को यमराज से मिलाने की पूर्जोर कोशिश में कर रहे है। वहीे कोलारस नगर में कई झोलाछापो ने प्रशासन की आंखो में धूल झोंकने का नया तरीका ईजाफ कर लिया है इसके तरह झोलाछाप किसी बाहरी डाॅक्टर के नाम क्लीनिक को रजिस्टर कराकर खुद उसके नाम से मरीजो की नब्ज टटोल रहे है। जबकी जिस डाॅक्टर के नाम क्लीनिक है वह कभी कोलारस में उस क्लीनिक पर आते ही नही है। जो नीयम विरूद्ध है। ऐसे क्लीनिक राई रोड, एबी रोड पर संचालित हो रहे है। इसके साथ ही इस क्लीनिको के अंदर बिना तक्नीशिसन और बिना रजिष्टेशन के लेब तक चलाई जा रही है जिसमें जांच किटो द्वारा खून की जांच की जा रही है। कई मामलो में किटे खून की सही जांच नही कर पाती जिसके चलते मरीज का गलत ईलाज का सामना भी करना पड़ता है। इसके साथ ही कई क्लीनिको के अंदर चलाई जा जाने वाली मेडिकल स्टोरो की भी पर्मीशन नही है। जो की अवैध रूप से स्वास्थ विभाग के कुछ दागदार लोगो की मिली भगत से चलाई जा रही है। ऐसे में अगर इन सभी मामलो की जांच की जाए तो नगर में झोलाछाप के कहर से बचाया जा सकता है।
*👉👉इनका कहना है।*
मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया मामला गंभीर है मामले की झाँच कराकर जिम्मेदारों को नोटिस दिए जाएंगे, फिर भी नही माने तो चालानी कार्यवाही की जाएगी
*प्रियंका सिंह, (सीएमओ कोलारस)*
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