**सिंधिया क्यों पहुंचे शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके घर**
सब लोगों के दिमाग में एक सवाल खड़ा कर दिया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके निवास पर क्यों पहुंचे. राजनीति ने यह तो सिद्ध कर ही दिया है यहां दोस्त और दुशमन केवल अपना अपना स्वार्थ साधने के लिये बनाये जाते हैं, राजनीति के मंच के पीछे सब एक हैं. बेवकूफ बनती है तो केवल जनता.
सिंधिया जी शिवराज सिंह से मिलने जा रहे हैं तो इसमें कुछ न कुछ सौदेबाजी तो होगी ही. चूंकि सिंधिया पहुंचे हैं मिलने तो उनका ही कुछ फायदा होगा.
लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और मीडिया में ये खबरें गरम हैं कि शिवराज सिंह चौहान इसबार गुना आकर श्री मंत के सामने ताल ठोक सकते हैं , हो सकता है श्री मंत शिवराज सिंह चौहान का मन टटोलने पहुंचे हों.
दूसरा कारण भाजपा में बहुत से पुराने घाघ नेता जो शिवराज सिंह की वजह से अपने पैर मध्यप़देश की राजनीति में नहीं जमा पा रहे ,शिवराज सिंह को दरकिनार करना चाहते हैं,
उनको यह जतलाने के लिये की कांग़ेस भी उनके नेता से सलाह मशविरा कर सकती है भविष्य की राजनीति के लिये.
तीसरा कारण क्या आगे आने वाले समय में मध्यप़देश की दो ताकतें एक हो कुछ नया दे सकती हैं.
ये राजनीति है इसमें कुछ भी हो सकता है उधर कुछ दिन पहले मंच पर अमितशाह द्वारा शिवराज सिंह चौहान का सार्वजनिक अपमान चर्चा का विषय था. तो दूसरी तरफ कांग़ेस में कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भी बहुत बड़ा विश्वासघात कर प़देश की राजनीति से दरकिनार कर दिया था.
यह टीस श्री मंत को शिवराज सिंह के पास ले गई हो.
कुछ भी हो लेकिन यह विषय चर्चा में जरुर रहेगा कि श्री मंत कहीं डर तो नहीं गये शिवराज सिंह के गुना शिवपुरी आकर चुनाव लड़ने के पैंतरे से. खैर देखते हैं आगे आगे होता है क्या.
सब लोगों के दिमाग में एक सवाल खड़ा कर दिया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके निवास पर क्यों पहुंचे. राजनीति ने यह तो सिद्ध कर ही दिया है यहां दोस्त और दुशमन केवल अपना अपना स्वार्थ साधने के लिये बनाये जाते हैं, राजनीति के मंच के पीछे सब एक हैं. बेवकूफ बनती है तो केवल जनता.
सिंधिया जी शिवराज सिंह से मिलने जा रहे हैं तो इसमें कुछ न कुछ सौदेबाजी तो होगी ही. चूंकि सिंधिया पहुंचे हैं मिलने तो उनका ही कुछ फायदा होगा.
लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और मीडिया में ये खबरें गरम हैं कि शिवराज सिंह चौहान इसबार गुना आकर श्री मंत के सामने ताल ठोक सकते हैं , हो सकता है श्री मंत शिवराज सिंह चौहान का मन टटोलने पहुंचे हों.
दूसरा कारण भाजपा में बहुत से पुराने घाघ नेता जो शिवराज सिंह की वजह से अपने पैर मध्यप़देश की राजनीति में नहीं जमा पा रहे ,शिवराज सिंह को दरकिनार करना चाहते हैं,
उनको यह जतलाने के लिये की कांग़ेस भी उनके नेता से सलाह मशविरा कर सकती है भविष्य की राजनीति के लिये.
तीसरा कारण क्या आगे आने वाले समय में मध्यप़देश की दो ताकतें एक हो कुछ नया दे सकती हैं.
ये राजनीति है इसमें कुछ भी हो सकता है उधर कुछ दिन पहले मंच पर अमितशाह द्वारा शिवराज सिंह चौहान का सार्वजनिक अपमान चर्चा का विषय था. तो दूसरी तरफ कांग़ेस में कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भी बहुत बड़ा विश्वासघात कर प़देश की राजनीति से दरकिनार कर दिया था.
यह टीस श्री मंत को शिवराज सिंह के पास ले गई हो.
कुछ भी हो लेकिन यह विषय चर्चा में जरुर रहेगा कि श्री मंत कहीं डर तो नहीं गये शिवराज सिंह के गुना शिवपुरी आकर चुनाव लड़ने के पैंतरे से. खैर देखते हैं आगे आगे होता है क्या.

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