लिखते हैं तो आपको भी सावधान रहने की जरूरत है.
Updated on: January 17, 2019, 2:03 PM IST
news18 hindi , News18Hindi
ऐसी पोस्ट जिसमें 'आजाद कश्मीर' का जिक्र हो या किसी 'देवी-देवता' की निंदा की गई हो या तिरंगे को कपड़ों के तौर पर कमर से नीचे पहना गया हो- उन 20 कैटेगरी की पोस्ट में आती हैं जिन्हें भारत में फेसबुक ने 'क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी' कैटेगरी में मार्क कर रखा है. यह दावा इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने फेसबुक के अंदरूनी डॉक्यूमेंट्स की जांच के बाद किया है.पूरी दुनिया में फेसबुक के कंटेट रिव्यूअर हमेशा ऐसी पोस्ट की जांच करते रहते हैं. ये ऐसी पोस्ट होती हैं जिन्हें या तो लोग रिपोर्ट करते हैं या फिर वे फेसबुक के एल्गोरिदम सिस्टम के द्वारा खुद ही किसी गलत शब्द या चित्र के इस्तेमाल के लिए चुनी जाती है. इस काम के लिए फेसबुक के पास 15,000 फुल टाइम कांट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी हैं, जो सुनिश्चित करते हैं कि किसी पोस्ट को फेसबुक पर रहने देना है या हटा लेना है. ऐसा फेसबुक की ग्लोबल पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए किया जाता है. अगर इस बात का फैसला वे खुद नहीं कर पाते हैं तो ऐसे में वे कंपनी के अगले स्तर पर लोगों को यह जांचने के लिए पोस्ट भेज देते हैं कि यह कन्टैंट पॉलिसी टर्म के साथ जा रहा है या नहीं? भारत के लिए क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी मार्कर को बिना यूजर को बताए और बिना किसी लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी के इनपुट के पोस्ट्स के रिव्यू के लिए प्रयोग किया जा रहा है.मीडिया के सामने फेसबुक कह चुका है इसका उल्टा
हालांकि फेसबुक इस पर जोर देता है कि ऐसा सारा कंटेट जो क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी की कैटेगरी में फ्लैग किया जाता है उसे फेसबुक ब्लॉक नहीं कर देता. इस प्रक्रिया को IP-ब्लॉकिंग कंटेंट के तौर पर भी जाना जाता है. लेकिन ये ब्लॉकिंग तभी की जाती है जब फेसबुक की कानूनी टीम किसी लोकल एजेंसी से ब्लॉक किए जाने वाले कंटेंट को चेक करा लेती है. भारत के लिए बनाई गई ये अघोषित गाइडलाइनें यह दिखाती हैं कि कैसे कंपनी अभी भी अपने मॉडरेटर्स को ऐसे कंटेंट को आगे के रिव्यू के लिए मार्क करते हैं.जबकि कंपनी कई बार पब्लिकली और मीडिया के सामने कह चुकी है कि इसकी अंतरराष्ट्रीय पॉलिसी किसी आस्था या धर्म पर किए जाने वाले हमले को भारत में 'हेट स्पीच' के तौर पर नहीं देखता है. जबकि नए सबूत ये दिखाते हैं कि कंपनी अब भी ऐसे सारे कंटेंट को भारत में बहुत ही एक्टिव होकर ट्रैक करती है.
क्या है क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी कंटेंट?
कंपनी के डॉक्यूमेंट्स में से एक पूछता है, 'क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी कंटेट क्या है?' जिसकी अगली स्लाइड में तीन शब्दों के साथ एक चित्र बना है, जिसपर इसे तय करने के लिए फेसबुक के लिए इंस्ट्रक्शन लिखे हैं -# ऐसा कंटेट रखें जो फेसबुक की पॉलिसी का उल्लंघन नहीं करता.# जब सरकार किसी क्षेत्रीय कानून को कड़ाई से लागू कराने पर जोर दे रही हो तो उसका सम्मान करे.# उसे हटाएं जिससे फेसबुक को देश में ब्लॉक होने का या किसी तरह की कानूनी कार्रवाई का डर हो.फेसबुक ने इस संबंध में इंडियन एक्सप्रेस के पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया है. फेसबुक ने यह भी नहीं बताया है कि क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी (लोकली इल्लीगल) गाइडलाइन इसने कितने देशों में शुरू की है?देवी-देवता और तिरंगे को गलत तरीके से दर्शाना
ऑपरेशनल गाइडलाइंस सेक्शन में उपलब्ध डॉक्यूमेंट्स मॉडरेटर ऐसे कंटेट को फ्लैग करने को कहता है- जिसमें 'आजाद कश्मीर' या 'अक्साई चिन' का नक्शा हो, वे पोस्ट जो देवी-देवताओं का या पैगंबर मुहम्मद का द्वेष फैलाने के उद्देश्य से चित्रण करते हों, या वे तस्वीरें जो कि तिरंगे के बीच वाले चक्र को महात्मा गांधी की तस्वीर से बदल देते हों.राष्ट्रीय सीमाओं के सेक्शन के तहत, ऐसे पोस्ट जो अगल कश्मीर की मांग के समर्थक हों, या कश्मीर और सियाचीन पर पाकिस्तान के दावे की बात करते हों, या अक्साई चिन, अरुणाचल प्रदेश, असम, नगालैंड और त्रिपुरा पर चीन के दावे की बात करता हो, फ्लैग कर लिए जाते हैं.इसके लिए फेसबुक के मॉडरेटर्स पोस्ट में ऐसे शब्दों को खोजते हैं: 'आजाद कश्मीर', 'फ्री कश्मीर', 'कश्मीर पाकिस्तान से संबंधित है'... इसके अलावा वे पोस्ट किए गए मैप को देखते हैं. और ऐसे मैप को मार्क कर लेते हैं जिसमें भारतीय सीमाओं का उल्लंघन किया गया हो या लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हों, आदि.इस डॉक्यूमेंट में कम से कम तीन स्लाइड धार्मिक कट्टरता के सेक्शन पर हैं, जो दोहराती हैं, 'इस पर मजाक की अनुमति नहीं है.'एक गाइडलाइन कहती है कि पैगंबर मोहम्मद की तस्वीर IPC की धारा 295 का उल्लंघन हो सकती है. यह धारा धार्मिक आस्थाओं के अपमान से धार्मिक भावनाओं के भड़कने की रोकथाम करता है. अगर कोई ऐसी तस्वीर है जो निय
Updated on: January 17, 2019, 2:03 PM IST
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ऐसी पोस्ट जिसमें 'आजाद कश्मीर' का जिक्र हो या किसी 'देवी-देवता' की निंदा की गई हो या तिरंगे को कपड़ों के तौर पर कमर से नीचे पहना गया हो- उन 20 कैटेगरी की पोस्ट में आती हैं जिन्हें भारत में फेसबुक ने 'क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी' कैटेगरी में मार्क कर रखा है. यह दावा इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने फेसबुक के अंदरूनी डॉक्यूमेंट्स की जांच के बाद किया है.पूरी दुनिया में फेसबुक के कंटेट रिव्यूअर हमेशा ऐसी पोस्ट की जांच करते रहते हैं. ये ऐसी पोस्ट होती हैं जिन्हें या तो लोग रिपोर्ट करते हैं या फिर वे फेसबुक के एल्गोरिदम सिस्टम के द्वारा खुद ही किसी गलत शब्द या चित्र के इस्तेमाल के लिए चुनी जाती है. इस काम के लिए फेसबुक के पास 15,000 फुल टाइम कांट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी हैं, जो सुनिश्चित करते हैं कि किसी पोस्ट को फेसबुक पर रहने देना है या हटा लेना है. ऐसा फेसबुक की ग्लोबल पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए किया जाता है. अगर इस बात का फैसला वे खुद नहीं कर पाते हैं तो ऐसे में वे कंपनी के अगले स्तर पर लोगों को यह जांचने के लिए पोस्ट भेज देते हैं कि यह कन्टैंट पॉलिसी टर्म के साथ जा रहा है या नहीं? भारत के लिए क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी मार्कर को बिना यूजर को बताए और बिना किसी लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी के इनपुट के पोस्ट्स के रिव्यू के लिए प्रयोग किया जा रहा है.मीडिया के सामने फेसबुक कह चुका है इसका उल्टा
हालांकि फेसबुक इस पर जोर देता है कि ऐसा सारा कंटेट जो क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी की कैटेगरी में फ्लैग किया जाता है उसे फेसबुक ब्लॉक नहीं कर देता. इस प्रक्रिया को IP-ब्लॉकिंग कंटेंट के तौर पर भी जाना जाता है. लेकिन ये ब्लॉकिंग तभी की जाती है जब फेसबुक की कानूनी टीम किसी लोकल एजेंसी से ब्लॉक किए जाने वाले कंटेंट को चेक करा लेती है. भारत के लिए बनाई गई ये अघोषित गाइडलाइनें यह दिखाती हैं कि कैसे कंपनी अभी भी अपने मॉडरेटर्स को ऐसे कंटेंट को आगे के रिव्यू के लिए मार्क करते हैं.जबकि कंपनी कई बार पब्लिकली और मीडिया के सामने कह चुकी है कि इसकी अंतरराष्ट्रीय पॉलिसी किसी आस्था या धर्म पर किए जाने वाले हमले को भारत में 'हेट स्पीच' के तौर पर नहीं देखता है. जबकि नए सबूत ये दिखाते हैं कि कंपनी अब भी ऐसे सारे कंटेंट को भारत में बहुत ही एक्टिव होकर ट्रैक करती है.
क्या है क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी कंटेंट?
कंपनी के डॉक्यूमेंट्स में से एक पूछता है, 'क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी कंटेट क्या है?' जिसकी अगली स्लाइड में तीन शब्दों के साथ एक चित्र बना है, जिसपर इसे तय करने के लिए फेसबुक के लिए इंस्ट्रक्शन लिखे हैं -# ऐसा कंटेट रखें जो फेसबुक की पॉलिसी का उल्लंघन नहीं करता.# जब सरकार किसी क्षेत्रीय कानून को कड़ाई से लागू कराने पर जोर दे रही हो तो उसका सम्मान करे.# उसे हटाएं जिससे फेसबुक को देश में ब्लॉक होने का या किसी तरह की कानूनी कार्रवाई का डर हो.फेसबुक ने इस संबंध में इंडियन एक्सप्रेस के पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया है. फेसबुक ने यह भी नहीं बताया है कि क्षेत्रीय स्तर पर गैरकानूनी (लोकली इल्लीगल) गाइडलाइन इसने कितने देशों में शुरू की है?देवी-देवता और तिरंगे को गलत तरीके से दर्शाना
ऑपरेशनल गाइडलाइंस सेक्शन में उपलब्ध डॉक्यूमेंट्स मॉडरेटर ऐसे कंटेट को फ्लैग करने को कहता है- जिसमें 'आजाद कश्मीर' या 'अक्साई चिन' का नक्शा हो, वे पोस्ट जो देवी-देवताओं का या पैगंबर मुहम्मद का द्वेष फैलाने के उद्देश्य से चित्रण करते हों, या वे तस्वीरें जो कि तिरंगे के बीच वाले चक्र को महात्मा गांधी की तस्वीर से बदल देते हों.राष्ट्रीय सीमाओं के सेक्शन के तहत, ऐसे पोस्ट जो अगल कश्मीर की मांग के समर्थक हों, या कश्मीर और सियाचीन पर पाकिस्तान के दावे की बात करते हों, या अक्साई चिन, अरुणाचल प्रदेश, असम, नगालैंड और त्रिपुरा पर चीन के दावे की बात करता हो, फ्लैग कर लिए जाते हैं.इसके लिए फेसबुक के मॉडरेटर्स पोस्ट में ऐसे शब्दों को खोजते हैं: 'आजाद कश्मीर', 'फ्री कश्मीर', 'कश्मीर पाकिस्तान से संबंधित है'... इसके अलावा वे पोस्ट किए गए मैप को देखते हैं. और ऐसे मैप को मार्क कर लेते हैं जिसमें भारतीय सीमाओं का उल्लंघन किया गया हो या लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हों, आदि.इस डॉक्यूमेंट में कम से कम तीन स्लाइड धार्मिक कट्टरता के सेक्शन पर हैं, जो दोहराती हैं, 'इस पर मजाक की अनुमति नहीं है.'एक गाइडलाइन कहती है कि पैगंबर मोहम्मद की तस्वीर IPC की धारा 295 का उल्लंघन हो सकती है. यह धारा धार्मिक आस्थाओं के अपमान से धार्मिक भावनाओं के भड़कने की रोकथाम करता है. अगर कोई ऐसी तस्वीर है जो निय

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