पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया ने स्वच्छ हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिन देने की दिशा में प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन ऊर्जा विकास निगम के सहयोग से अपने केन्द्रों में सौर संयंत्र स्थापना की अनुकरणीय पहल की है। प्रदेश में 10 सौर संयंत्रों से सालाना 1.31 करोड़ रूपये और संयंत्र के जीवनकाल करीब 25 वर्ष में अनुमानित 55 करोड़ रूपये की बचत संभावित है। शुक्रवार 25 जनवरी को भोपाल में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हर्ष यादव की उपस्थिति में इस संबंध में एक करारनामे पर हस्ताक्षर होंगे।
ऊर्जा विकास निगम ने हाल ही में विभिन्न शासकीय एवं निजी संस्थागत क्षेत्रों में सौर संयंत्रों की स्थापना बगैर किसी पूंजीगत निवेश किये कराये जाने के लिए 'रेस्को' (रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कम्पनी) वित्तरीय मॉडल पर निविदा का आमंत्रण कराया गया, जिसमें पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन लिमिटेड के लिए, विकासक, ए.एम.पी. सोलर इण्डिया प्रा.लि. से न्यूनतम दर रूपये 1.58 प्राप्त हुई है। प्रदेश में सौर संयंत्रों की स्थापना से लगभग 2825 टन कार्बन उत्सर्जन प्रतिवर्ष की कमी होगी, जो पर्यावरण सुधार की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
रेस्को निविदा में कार्य स्थलों से संबंधित तकनीकी जानकारी का एकत्रीकरण वर्ल्ड बैंक और भारत सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के सहयोग से सम्पन्न किया गया। इस तकनीकी सहयोग से गूगल ड्राईव पर एक डाटारूम निर्मित किया गया जिसमें भवनों व परिसरों में संयंत्र स्थापना के संबंध में विभिन्न तकनीकी आवश्यक जानकारियों का समावेश किया गया। जानकारी की शुद्धता इस स्तर तक सुनिश्चित की गई कि विकासकों को किस भवन पर कितनी क्षमता का कितने सौर मॉडयूल उपयोगित करते हुए कितने इन्वर्टर्स लगाने होंगे, केबिल की लंबाई कितनी होगी, अपेक्षित विद्युत उत्पादन कितना होगा, इत्यादि जानकारी सुलभ रूप से उपलब्ध कराई गई।
इस निविदा की विशिष्ट पहल यह भी रही कि हितग्राही संस्थानों को निविदा के जारी होने के पूर्व सम्पूर्ण निविदा प्रपत्र एवं सौर उत्पादन एवं उसके क्रय व भुगतान के संबंध में तैयार किये गये पावर पर्चेस एग्रीमेंट से अवगत कराकर सहमति प्राप्त की गई। प्रदेश में 10 संस्थान दमोह, इंदौर, खण्डवा, धार, सतना, शुजालपुर, सिंगरौली, बैतूल, रीवा और जबलपुर जिलों में 2250 कि.वॉ. क्षमता के सौर संयंत्र प्रस्तावित हैं।
ऊर्जा विकास निगम ने हाल ही में विभिन्न शासकीय एवं निजी संस्थागत क्षेत्रों में सौर संयंत्रों की स्थापना बगैर किसी पूंजीगत निवेश किये कराये जाने के लिए 'रेस्को' (रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कम्पनी) वित्तरीय मॉडल पर निविदा का आमंत्रण कराया गया, जिसमें पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन लिमिटेड के लिए, विकासक, ए.एम.पी. सोलर इण्डिया प्रा.लि. से न्यूनतम दर रूपये 1.58 प्राप्त हुई है। प्रदेश में सौर संयंत्रों की स्थापना से लगभग 2825 टन कार्बन उत्सर्जन प्रतिवर्ष की कमी होगी, जो पर्यावरण सुधार की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
रेस्को निविदा में कार्य स्थलों से संबंधित तकनीकी जानकारी का एकत्रीकरण वर्ल्ड बैंक और भारत सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के सहयोग से सम्पन्न किया गया। इस तकनीकी सहयोग से गूगल ड्राईव पर एक डाटारूम निर्मित किया गया जिसमें भवनों व परिसरों में संयंत्र स्थापना के संबंध में विभिन्न तकनीकी आवश्यक जानकारियों का समावेश किया गया। जानकारी की शुद्धता इस स्तर तक सुनिश्चित की गई कि विकासकों को किस भवन पर कितनी क्षमता का कितने सौर मॉडयूल उपयोगित करते हुए कितने इन्वर्टर्स लगाने होंगे, केबिल की लंबाई कितनी होगी, अपेक्षित विद्युत उत्पादन कितना होगा, इत्यादि जानकारी सुलभ रूप से उपलब्ध कराई गई।
इस निविदा की विशिष्ट पहल यह भी रही कि हितग्राही संस्थानों को निविदा के जारी होने के पूर्व सम्पूर्ण निविदा प्रपत्र एवं सौर उत्पादन एवं उसके क्रय व भुगतान के संबंध में तैयार किये गये पावर पर्चेस एग्रीमेंट से अवगत कराकर सहमति प्राप्त की गई। प्रदेश में 10 संस्थान दमोह, इंदौर, खण्डवा, धार, सतना, शुजालपुर, सिंगरौली, बैतूल, रीवा और जबलपुर जिलों में 2250 कि.वॉ. क्षमता के सौर संयंत्र प्रस्तावित हैं।
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