Music

BRACKING

Loading...

किताबाें पर आईसीएसई स्कूलाें को 25%,एमपी बोर्ड सीबीएसई को 40% कमीशन, बेच रहे प्रिंट रेट पर

बच्चों के बजाए स्कूल संचालको ंको फायदा पहुंचा रहे निजी प्रकाशक 

शिवपुरी 

वार्षिक परीक्षाएं खत्म होने के साथ ही नया शिक्षण सत्र 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इसी के साथ स्कूल संचालकों ने हर साल की तरह कोर्स बदल दिया है। दैनिक भास्कर ने मंहगे कोर्स को लेकर पड़ताल की है। इसमें आईसीएसई बाेर्ड की किताबों पर निजी प्रकाशक 25% कमीशन (डिस्काउंट) निजी स्कूलों को दे रहे हैं। एमपी बोर्ड व सीबीएसई स्कूलों को 40% कमीशन दिया जा रहा है। इस कमीशन का लाभ स्कूल में पढ़ने वाले बच्चाें के बजाए स्कूल संचालकाें काे मिल रहा है। इधर, अभिभावक अपने बच्चाें काे किताबें प्रिंट रेट पर ही खरीदने पर मजबूर हैं। 

शहर के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पालक मंहगे कोर्स को लेकर दर्द बयां कर रहे हैं। महंगे कोर्स की हकीकत पता करने दैनिक भास्कर ने स्कूल संचालक बनकर निजी प्रकाशकों से किताबों पर कमीशन को लेकर चर्चा की। चित्रा पब्लिकेशन के एजेंट संजय शर्मा ने फोन पर सीधे 40% डिस्काउंट का ऑफर किया। जिसमें ट्रांसपोर्ट चार्ज खुद वहन करने की बात कही। किताबें डायरेक्ट स्कूल को सप्लाई करने की बजाय बुक सेलर से बिकवाने की बात कही। इसी तरह प्राची प्रकाशन के हेमेंद्र पाठक ने अपनी किताबों पर पहले 10% फिर 15% डिस्काउंट देने की बात कही। बाद में दूसरे कर्मचारी सीपी त्रिवेदी का फोन आया। उन्होंने कहा कि चिंता मत करो, आपको फायदा दिला दंेंगे। सेंट चार्ल्स स्कूल के कोर्स में शामिल आईसीएसई की किताबों पर ग्रीन पब्लिकेशन के मप्र में एजेंट शिवानन गुप्ता से बात हुई। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि किताबों पर 25% डिस्काउंट ही दे पाएंगे। 

इस मामले में कलेक्टर अनुग्रहा पी. ने कहा कि निजी स्कूल हर साल कोर्स बदलकर कमीशन ले रहे हैं तो यह बिल्कुल गलत है। मामले की छानबीन कराएंगे। संबंधित स्कूलों की जांच कराकर कार्रवाई करेंगे। 

शिवपुरी में किताबों के नाम पर 4 से 5 करोड़ रुपए का कमीशन 

अकेले शिवपुरी ब्लॉक में संचालित निजी स्कूलों में 40 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। प्रति छात्र अनुमानित कोर्स की कीमत 3 हजार रुपए है। इस लिहाज से किताबों का कारोबार 12 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इस तरह निजी स्कूल हर साल सिर्फ किताबों पर 4 से 5 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुनाफा कमा लेते हैं। 

दो उदाहरणों से समझें... स्कूलों में किस कदर निजी प्रकाशक सांठ-गांठ कर कमीशनखाेरी चला रहे 

किताबों पर 40% डिस्काउंट का सौदा तय 

चित्रा पब्लिकेशन मेरठ (ब्लू प्रिंट एज्युकेशन) के ग्वालियर में एजेंट संजय शर्मा अपने पब्लिकेशन की किताबों पर सीधा 40% डिस्काउंट देने को तैयार हो गए। उन्होंने ट्रांसपोर्टिंग खर्च स्वयं वहन करने की बात कही। साथ ही शिवपुरी में किसी भी बुक सेलर के माध्यम से किताबें रखवाकर बिकवा देने की बात कही। उन्होंने ईस्टर्न हाईट्स स्कूल सहित अन्य निजी स्कूलों के नाम गिना दिए, जहां उनकी किताबें संचालित हैं और संबंधित को कमीशन दिया जा रहा है। 

स्कूल में सारी किताबें निजी प्रकाशकों की लागू : चित्रा पब्लिकेशन मेरठ (ब्लू प्रिंट एज्युकेशन) की ईस्टर्न हाईट्स स्कूल में कक्षा 4 में किताब क्रिएटिविटी बियोंड 328 रुपए की है। प्राची प्रकाशन की सोशल स्टडीज किताब 320 रुपए की है। दूसरे अन्य निजी प्रकाशकों की किताबें भी स्कूल में लागू की गईं हैं। 

कोर्स ही बदल दिया, बड़े बेटे की किताबें छोटे बेटे के काम नहीं आ सकीं : ईस्टर्न हाईट्स स्कूल के एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसके दो बच्चे हैं। एक बेटा कक्षा 4 से 5वीं में आ गया है। छोटा बेटा कक्षा 3 से 4वीं में आ गया है। सोचा कि इस बार बड़े बेटे का कोर्स छोटे बेटे के काम आ जाएगा। पता चला कि स्कूल वालों ने कोर्स ही बदल दिया है। मजबूर होकर कक्षा 4वीं का कोर्स 4595 रुपए में खरीदना पड़ा। खुलकर शिकायत करेंगे तो बच्चों का भविष्य खराब होने का डर है। 

सफाई: हमारे द्वारा कोई कमीशन नहीं लिया जा रहा 

निजी प्रकाशकों की किताबें स्कूल में चला रहे हैं। लेकिन किताबों पर हमारे द्वारा कोई डिस्काउंट नहीं लिया जा रहा है। निजी प्रकाशकों से डिस्काउंट की कोई बात नहीं है। सारी किताबें बाजार में उपलब्ध हैं। सुबोध अरोरा, संचालक, ईस्टर्न हाईट्स स्कूल शिवपुरी 

50% कमीशन मांगा तो कहा-आप पूछ सकते हैं 

चित्रा पब्लिकेशन के संजय शर्मा से 50% कमीशन की मांग रखी, तो उन्होंने शिवपुरी शहर के कई बड़े स्कूलों के नाम गिना दिए। जिसमें ईस्टर्न हाईट्स स्कूल में किताबों पर 40% देने की बात कही। उन्हाेंने स्कूल मैडम से भी पूछ लेने के लिए कहा। पिछले साल जीके हेरीटेज नामक स्कूल द्वारा 45% कमीशन मांगे जाने की बात कही। सौदा नहीं पटा तो किताब सप्लाई नहीं की। गुना के भी दो स्कूलों के नाम गिनाए। साथ ही कहा कि इंदौर, भोपाल और ग्वालियर के स्कूलों में हमारी किताबें चलती हैं। 

आईसीएसई किताबों पर 25% देने को राजी 

ग्रीन पब्लिकेशन के मप्र में एजेंट शिवानन गुप्ता ने किताबों पर 25% डिस्काउंट देने की बात कही। आईसीएसई किताबों पर 25% से ज्यादा कमीशन नहीं देते। ग्रीन पब्लिकेशन के डायरेक्टर विनीत शाहनी ने किताबें उपलब्ध कराने के लिए शिवपुरी में भारती पुस्तक सदन का नाम बताया। 25% से ज्यादा डिस्काउंट मांगने पर मना कर दिया। आईसीएसई किताबों पर इतना ही कमीशन हर स्कूल को दिया जाता है। 

स्कूल में अलग-अलग प्रकाशन की किताबें : सेंट चार्ल्स स्कूल में आईसीएसई की कक्षा 3 की अलग-अलग प्रकाशन की किताबें हैं। कोर्स की कुल कीमत 2343 रुपए है। कोर्स में ग्रीन पब्लिकेशन नई दिल्ली की दो किताबे हैं जिनमें सोशल स्टडी किताब 320 रुपए व कंप्यूटर स्किल्स की 180 रुपए की है। अन्य निजी प्रकाशकों की किताबें कोर्स में शामिल हैं। 

खुद सरकारी टीचर, बच्चों के ही स्कूल में प|ी भी टीचर: सन्मति स्टेशनरी पर स्टेशनरी लेने आए सरकारी स्कूल के शिक्षक ने बताया कि उसका एक बेटा कक्षा 3 व दूसरा कक्षा 5वीं में आ गया है। उनकी प|ी भी सेंट चार्ल्स स्कूल में टीचर है। कोर्स बदल देने से उनको खुद नुकसान है। शिक्षा विभाग में नौकरी होने और प|ी उसी स्कूल में टीचर होने के बाद भी कुछ नहीं कर पा रहे। बच्चों को नया कोर्स खरीदकर देना पड़ा है। पुरानी किताबें कबाड़ में बेचना पड़ती हैं। 

सफाई: फोन पर बात नहीं हो पाई 

किताबों पर कमीशन को लेकर सेंट चार्ल्स स्कूल प्राचार्य से संपर्क साधने की कोशिश की गई। स्कूल पहुंचने पर भी उपलब्ध नहीं हो सकीं। कर्मचारियों ने बताया कि प्राचार्य मोबाइल नहीं रखतीं। इसके बाद प्राचार्य से बात कराने कर्मचारी को कई बार फोन लगाने पर भी नहीं उठाया। फिर स्विच ऑफ कर लिया। 

कमीशन के लिए ये चार किताबें लगाने की सलाह 

कक्षा 8वीं बोर्ड है, इसलिए निजी प्रकाशकों ने एमपी बोर्ड की संबंधित किताबें हीं लगाने की बात कही। साथ ही विकल्प में अपनी निजी प्रकाशन की सामान्य ज्ञान के लिए हिंदी ग्रामर, कंप्यूटर, मोरल, ड्राइंग व जीके किताबें लगाने को कहा। ताकि संबंधित किताबों पर स्कूल को कमीशन मिल जाए और निजी प्रकाशकों को भी स्वयं फायदा हो सके। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ