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लालू यादव के सुझाव पर भाजपा छोड़ थामा कांग्रेस का हाथ, शत्रुघ्न सिन्हा बोले- तीन पार्टियों से था ऑफर


Lok Sabha Election 2019:  अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा छोड़ने की घोषणा की है। रविवार (31 मार्च) को सिन्हा ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के साथ जाने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि यह ‘सही मायने’ में एक राष्ट्रीय पार्टी है और उनके पारिवारिक मित्र लालू प्रसाद ने भी उन्हें ऐसा ही करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जैसे नेता सहित अन्य यह चाहते थे कि वह उनकी पार्टी में शामिल हों लेकिन उन्होंने साफ कह दिया था कि सिचुएशन (परिस्थिति) जो भी हो लेकिन चुनाव पटना साहिब से ही लड़ेंगे।
अभिनेता-नेता लंबे समय से मोदी सरकार की आलोचना कर रहे थे। उन्होंने कहा, “भाजपा, जिससे मैं लंबे समय से जुड़ा था, उसे छोड़ना मेरे लिये ‘पीड़ादायक’ था। लेकिन एल. के. आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ जिस तरह से बर्ताव किया गया, उससे मैं आहत था।” भाजपा ने लोकसभा चुनावों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं आडवाणी और जोशी को इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतारा है।
पीटीआई-भाषा के साथ विशेष साक्षात्कार में सिन्हा ने कहा कि पार्टी के बगैर किसी सहयोग के उन्होंने 2014 में पटना साहिब सीट से अपने दम पर जीत हासिल की थी। उनका मानना है कि इस बार वह जीत के सदंर्भ में  ‘पहले के रिकॉर्ड’ को तोड़ सकते हैं। उन्होंने भाजपा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह के नेतृत्व की आलोचना की और कहा कि इससे पहले पार्टी में ‘लोकशाही” थी और अब ‘तानाशाही’ है।उन्होंने कहा, “हमारे पारिवारिक मित्र (राजद प्रमुख) लालू प्रसाद ने भी सुझाव दिया ह्यआप वहां (कांग्रेस में) जायें। हम लोग वहां आपके साथ हैं और राजनीतिक रूप से भी साथ बने रहेंगे। यह उनकी (लालू प्रसाद की) सहमति और उनके साथ समझौते के तहत हुआ।” उन्होंने कहा कि अहम कारक यह है कि पटना साहिब सीट महागठबंधन के सीट बंटवारे में कांग्रेस के खाते में गयी। उन्होंने कहा भी था कि सिचुएशन (परिस्थिति) जो भी हो लेकिन लड़ूंगा उसी सीट से।

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