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करोड़ों की 5 बीघा सरकारी मलेरिया विभाग की जमीन से हटाए 18 अतिक्रमण


सालों से किए थे कब्जा, नपा, तहसीलदार, नपा का अमला व पुलिस बल की मौजूदगी में हुई कार्रवाई
शिवपुरी। नईदुनिया प्रतिनिधि
मलेरिया विभाग की करोड़ों की 5 बीघा जमीन अतिक्रमण की चपेट में थी। मलेरिया विभाग यहां होने वाले अतिक्रमण को रोकने में सक्षम नहीं था। इसके चलते यहां 5 बीघा जमीन पर लोगो ने कब्जा कर आशियाना बना लिए थे। शुक्रवार को सालों से जमें इन अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए नपा की हिटैची गरजी और लोगों के विरोध के बावजूद उनके आशियाने जमींदोज कर दिया। यहां करीब 18 लोगों ने अतिक्रमण कर अपने आशियाने बना लिए थे। सुबह के समय नपा का मदाखलत दस्ता हिटैची लेकर पहुंचा और मौके पर तहसीलदार व नायब तहसीलदार सहित आरआई, पटवारी व नपा सीएमओ मौके पर पहुंचे। उसके बाद अतिक्रमण हटाओ मुहिम शुरू की और हिटैची से पूरा अतिक्रमण साफ कर दिया गया।
मलेरिया विभाग के कैंपस में बने थे आशियाने
मलेरिया विभाग का कार्यालय लाल माटी पर बना हुआ है। उसके आसपास करोड़ों की बेशकीमती शासकीय जमीन पड़ी हुई है, लेकिन मलेरिया विभाग के कैंपस में बाउंड्रीवाल न होने से लोगों ने यहां कब्जा करना शुरू किया और उसके बाद अतिक्रमण कर यहां अपने आशियाने बना लिए थे। यहां आसपास की अन्य सरकारी भूमि पर भी लोगों ने अपने आशियाने बना रखे हैं।
5 साल से करे थे सरकारी भूमि पर कब्जा
मलेरिया विभाग के कैंपस सहित अन्य सरकारी भूमि पर कई लोगों ने कब्जा कर लिया था, जबकि मलेरिया विभाग की करीब 5 बीघा जमीन पर 18 आशियाने बने थे, जबकि आसपास की अन्य सरकारी भूमि पर भी लोगों ने कब्जा कर अपने आशियाने बना लिए थे, लेकिन मलेरिया विभाग की जमीन को छोड़कर बची शासकीय जमीन पर बने आशियानों के पट्टे सरकार ने दे दिए थे। इसलिए इन आशियानों को प्रशासन ने नहीं उजाड़ा, बल्कि जिनके पास पट्टे नहीं थे, उनके अतिक्रमण जमींदोज कर दिए गए।
कई साल से कर रहे थे पत्राचार और शिकायतें भी दर्ज कराई
मलेरिया विभाग के अधिकारी लालजू शाक्य का कहना है कि जब से उन्होंने यहां चार्ज संभाला है, तब से वह इस अतिक्रमण को लेकर कलेक्टर से लेकर विभाग के आला अधिकारियों को पत्राचार कर चुके हैं और इसकी शिकायत भी दर्ज करा चुके हैं, लेकिन तत्समय कोई कार्रवाई नहीं की गई। कलेक्टर अनुग्रह पी ने एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर को निर्देश दिए। उन्होंने तहसीलदार को मौके पर भेजा और टीम भेजी, जिसके बाद यह अतिक्रमण हटाए गए।
बाउंड्री न होने से हो रहे अतिक्रमण
मलेरिया विभाग की करोड़ों रुपए की शासकीय जमीन है, लेकिन इस जमीन पर कोई बाउंड्रीवाल नहीं हैं, इसके चलते यहां लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर अपने आशियाने बना लिए थे। तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों का कहना है कि मलेरिया विभाग को इस जमीन पर बाउंड्रीवाल करानी होगी, तभी इस जमीन को अतिक्रमणकारियों से बचाया जा सकता है।
आए दिन होते थे झगड़े कर्मचारियों को काम करने में होती थी परेशानी
मलेरिया विभाग के कैंपस में हुए अतिक्रमण के चलते यहां आए दिन झगड़े होते थे। कर्मचारियों को काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। मलेरिया विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर लोग यहां शराब पीकर आए दिन झगड़ा करते थे, जिससे काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसे लेकर कई बार थाने में भी शिकायत दर्ज कराई जा चुकी थी।
यह बोले तहसीलदार
कलेक्टर से एसडीएम को मिले निर्देश के क्रम में राजस्व अमले ने नपा के साथ मिलकर मलेरिया विभाग की 5 बीघा करोड़ों की शासकीय भूमि से 18 अतिक्रमण हटाए हैं। अब भी वहां कुछ अतिक्रमण शेष हैं, लेकिन उन्हें पूर्व में पट्टे दिए गए हैं। मलेरिया विभाग पत्राचार तक सीमित रहता है। भूमि पर बाउण्ड्रीबॉल भी नहीं हैं, इसलिए अतिक्रमण हो रहे हैं।
भूपेन्द्र सिंह कुशवाह, तहसीलदार शिवपुरी।
11 कैप्सन-मलेरिया विभाग की करोड़ों की शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाती हिटैची।


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