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नायव तहसीलदार, रीडर सहित तीन पर केस दर्ज

फरियादी को दर दर भटकने के बाद  जाना पड़ा न्यायालय, तब जाके हुई सुनबाई



कोलारस :- कोलारस विधानसभा के अंतर्गत आने वाले रन्नौद से एक ऐसा मामला सामने आया है जो किसी पर विश्वास करने से पहले यह मामला उसके जहन में आना लाजमी सा हो गया कि कहीं मेरे साथ भी ऐसा घटित तो नहीं हो जाएगा।

  आइये जानते हैं आखिर माज़रा क्या है। 

भोपाल में रहने वाले फरियादी निसार उद्दीन नागौरी कोलारस विधानसभा के रन्नौद गाँव मे रहने वाले अपने रिश्तेदार जिनको रिश्तेदारी से भी बड़ा दर्जा देते हुए अपना परम् मित्र मानते थे। 
    यही मुख्य कारण रहा कि निसार उद्दीन ने अपने रिश्तेदार की बातों में आकर शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा अंतर्गत आने वाले रन्नौद में एक जमीन उनके साथ मिलकर खरीद ली। कुछ समय तक सब ठीक रहा दोनों मिल जुलकर खेती करते रहे, लेकिन जल्द ही रन्नौद में रहने वाले मो. हसीन की नियत खराब हो गई और उन्होंने नायब तहसीलदार व रीडर से मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इस जमीन का बंटवारा कर दिया। जब इसकी जानकारी निसार उद्दीन को लगी तो उन्होंने संबंधित थाने में रिपोर्ट लिखानी चाही, लेकिन पुलिस ने बहानेबाजी कर निसार की रिपोर्ट नहीं लिखी। निसार उद्दीन ने अपनी फरियाद आवेदन द्वारा मुख्यमंत्री, राज्यपाल से लेकर हर वरिष्ठ को सुनाई लेकिन कहीं से कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंत में थक हार कर निसार उद्दीन इस मामले की फरियाद लेकर कोर्ट में पेश हुआ, जहां से उसे न्याय मिला और कोर्ट द्वारा संबंधित थाने को नायव तहसीलदार, रीडर व मो. हसीन के खिलाफ रिपोर्ट लिखने के आदेश दिए गए। लेकिन सूत्रों  से जो जानकारी मील रही है सबको हैरान कर देने वाली है आज दिनांक तक पुलिस द्वारा आरोपी को खुला संरक्षण मिला हुआ है जिस बजह से आरोपी की गिरफ्तारी तक मुनासिब नहीं हो सकी। नायव तहसीलदार व रीडर  रिटायर्ड हो चुके हैं। जिस जमीन का यह मामला हैं उसकी बाजार में कीमत लाखों में आंकी जा रही हैं।

        इतिहास गवाह है सत्य की राह पर चलने वालों को परेशानियों को सामना जरूर करना पड़ता है, 
लेकिन अंततः जीत सत्य पर चलने वाले की ही होती है 

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