कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच पिछले दो महीने से गठबंधन को लेकर चल रहा सस्पेंस सोमवार को खत्म हो गया, जब कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। वहीं आम आदमी पार्टी के सभी उम्मीदवारों ने भी नामांकन दाखिल कर दिए हैं।
नई दिल्ली
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच पिछले दो महीने से गठबंधन को लेकर चल रहा सस्पेंस सोमवार को खत्म हो गया, जब कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। वहीं आम आदमी पार्टी के सभी उम्मीदवारों ने भी नामांकन दाखिल कर दिए हैं। हालांकि नाम वापस लेने तक राजनीति में कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। कांग्रेस के साथ गठबंधन क्यों नहीं हो पाया, इस सवाल के जवाब में आपनेताओं ने मुख्य तौर पर तीन बड़े कारण गिनाए हैं, जिनमें पहले कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित का गठबंधन से इंकार, उसके बाद कांग्रेस की शर्तें और फिर कांग्रेस अध्यक्ष का ट्वीट आने के बाद गठबंधन पर एक तरह से ब्रेक सा लग गया था।
वहीं आप के सूत्रों का कहना है कि गठबंधन न होने की वजह कांग्रेस का अड़ियल रवैया रहा है। सूत्र कहते हैं कि पहले तो डेढ़ महीने तक कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित गठबंधन के खिलाफ बोलती रहीं और उसके बाद अचानक से 3-3-1 का फॉर्मूला मीडिया में आ गया। कांग्रेस ने दिल्ली में 4-3 की शर्तें रख दी लेकिन हरियाणा, पंजाब में एक भी सीट देने को तैयार नहीं हुई। बातचीत हुई तो फिर हरियाणा में कांग्रेस 7-2-1 पर राजी हुई और जब आप इसके लिए तैयार हुई तो कांग्रेस फिर मुकर गई।
राहुल गांधी के ट्वीट
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच पिछले दो महीने से गठबंधन को लेकर चल रहा सस्पेंस सोमवार को खत्म हो गया, जब कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। वहीं आम आदमी पार्टी के सभी उम्मीदवारों ने भी नामांकन दाखिल कर दिए हैं। हालांकि नाम वापस लेने तक राजनीति में कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। कांग्रेस के साथ गठबंधन क्यों नहीं हो पाया, इस सवाल के जवाब में आपनेताओं ने मुख्य तौर पर तीन बड़े कारण गिनाए हैं, जिनमें पहले कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित का गठबंधन से इंकार, उसके बाद कांग्रेस की शर्तें और फिर कांग्रेस अध्यक्ष का ट्वीट आने के बाद गठबंधन पर एक तरह से ब्रेक सा लग गया था।
वहीं आप के सूत्रों का कहना है कि गठबंधन न होने की वजह कांग्रेस का अड़ियल रवैया रहा है। सूत्र कहते हैं कि पहले तो डेढ़ महीने तक कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित गठबंधन के खिलाफ बोलती रहीं और उसके बाद अचानक से 3-3-1 का फॉर्मूला मीडिया में आ गया। कांग्रेस ने दिल्ली में 4-3 की शर्तें रख दी लेकिन हरियाणा, पंजाब में एक भी सीट देने को तैयार नहीं हुई। बातचीत हुई तो फिर हरियाणा में कांग्रेस 7-2-1 पर राजी हुई और जब आप इसके लिए तैयार हुई तो कांग्रेस फिर मुकर गई।
राहुल गांधी के ट्वीट
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