चुनावों की बिसात पर छापों का साया
श्रीगोपाल गुप्ता
अचानक आज से ठीक एक वर्ष कुछ दिन पूर्व 16 मार्च 2018 को फिल्म अभिनेता अजय देवेगन की प्रदर्शित हुई हिंदी फिल्म "रेड"की याद उस समय ताजा हो गई। जब इनकम टैक्स की दिल्ली टीम ने बड़ी कार्यवाही करते हुये मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ से जुड़े उनके करीबी दो ओएसडी प्रवीण कक्कड़, राजेन्द्र मिगलानी, भांजे, और कक्कड़ के बेटे से जुड़े अश्वनी शर्मा व प्रतीक शर्मा के दिल्ली, भोपाल, इंदौर ,गोवा सहित लगभग 50 ठिकानों पर दविश डाली। ये धड़ाधड़ कार्यवाही शनिवार की रात और रविवार के तड़के तीन बजे शुरु हुई थी। स्वाभाविक है कि आम चुनाव के इस मौसम में अचानक आयकर छापों की बाड़ ने सनसनी फैला दी, ये प्रदेश के इतिहास में संभवतः पहला अवसर है जब किसी वर्तमान मुख्यमंत्री से जुड़े उनके अत्यंत करीबियों पर छापा मार कार्यवाही हुई। इस पर जैसा कि अनुमान था कि राजनीतिक बयानबाजियों का तूफान खड़ा होगा, लगभग बैसा ही हो रहा है। दिल्ली से लेकर भोपाल तक जमकर बयानबाजी हो रही है, कांग्रेस ने जहां इसे भाजपा पर बदले की कार्यवाही बताया तो भाजपा ने जमकर मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस पर छापे में मिले करोड़ों रुपयों को कांग्रेस की चार महीनों की तबादला उधौग की काली कमाई बताया तो आज एक चुनावी सभा में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कमलनाथ पर कड़ा हमरा करते हुये उन्हें भ्रष्टाचार का "नाथ" तक कह डाला। हां स्वयं कमलनाथ का बयान जरुर संतुलित रहा। छापों के कुछ घंटों बाद उन्होने कहा था कि अभी ज्यादा कुछ कहना जल्दीबाजी होगी, अभी कार्यवाही चल रही है,शायद एक मुख्यमंत्री के स्तर पर यह ठीक भी था। इस प्रकरण में एक बात तो साफ है कि जिन्होने एक हकीकत पर बनी फिल्म "रेड" देखी है, वे जानते हैं कि इनकम टैक्स की रेड के सामने अच्छे-अच्छे रसूखदार बौने साबित हो जाते हैं, इसमें देश के सबसे बड़े तख्त पर बैठा हुआ शख्स भी बेबस नजर आता है, क्योंकि ऐसी कार्यवाहियां स्वयं आयकर विभाग अपने मुखविरों की ठोस सूचनाओं पर अंजाम देता है।
मगर जैसे ही आज दिन में एक बजे आयकर विभाग की टीम जांच उपरांत मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी प्रवीण कक्कड़ के निवास स्थान से विदा हुई ,बैसे ही कक्कड़ ने अपने यहां से आयकर विभाग को कुछ भी आपत्ति जनक नहीं मिला कहते हुये माननीय उच्च न्यायलय इंदौर की दौड़ लगा दी। उन्होने न्यायालय से फरियाद करते हुये कहा है कि उनके घर पर बलात् कब्जा कर टीम ने उनको एंव परिवार के अन्य सदस्यों कई घण्टे मानसिक रुप से प्रताणित किया है, और भी आरोप उन्होने लगाये हैं। फिलहाल कोर्ट किसी निर्णय पर नहीं पहुंची है। ये याचिका बताती है कि कहीं न कहीं आयकर की टीम गच्चा खा गई है,क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मुजरिम स्वयं चलकर न्याय के मंदिर में नहीं जाता है, और कक्कड़ गये हैं। हां इन छापों में जो किसी हवाले की रकम के सन्दर्भ में डाले गये थे, इसमें एक एनजीओ चलाने वाले और करीब 18 साल पहले एक छोटी सी दुकान चलाने वाला अश्वनी शर्मा व उसका दोस्त प्रतीक शर्मा जरुर नप गये हैं। भाजपा के 15 वर्षों के शासन काल में अश्वनी शर्मा रातों-रात अरबपति कैसे बन गये?जप्त उसकी विशाल संपति को देखते हुए आयकर विभाग चकीत है और हैरां है। 0001 नबंर की कई वीआईपी और लग्जरी कारों के मालिक शर्मा के यहां एक दर्जन रेंजरोवर, मर्सिडीज, और जैगुआर गाड़ियां जप्त हुई हैं, तो टाईगर, काला हिरण इत्यादी जानवरों की प्रतिबंधित और मंहगी खालें और उससे बना सामान भी बरामद हुआ है। समझा जाता है कि आयकर अधिकारियों को अपने आपको भाजपा नेता बताने वाला प्रतीक शर्मा पूर्व की भाजपा सरकार में तो रसूखदार था ही और अब कांग्रेस सरकार में भी उसका कद बड़ा हुआ है। बहरहाल इस चुनावी मौसम में आयकर छापों ने जहां राजनीतिक आसमां का तापमान बढ़ा दिया है तो एक बार फिर दोनों दलों में चुनावी तकरार और निशाने साधने के लिए उनके तरकश में नये तीरों का जखीरा भर दिया है।कहा जा सकता है कि चुनावी बिसात पर छापों के कहर का असर चुनावों में भी देखा जा सकता है?
श्रीगोपाल गुप्ता
अचानक आज से ठीक एक वर्ष कुछ दिन पूर्व 16 मार्च 2018 को फिल्म अभिनेता अजय देवेगन की प्रदर्शित हुई हिंदी फिल्म "रेड"की याद उस समय ताजा हो गई। जब इनकम टैक्स की दिल्ली टीम ने बड़ी कार्यवाही करते हुये मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ से जुड़े उनके करीबी दो ओएसडी प्रवीण कक्कड़, राजेन्द्र मिगलानी, भांजे, और कक्कड़ के बेटे से जुड़े अश्वनी शर्मा व प्रतीक शर्मा के दिल्ली, भोपाल, इंदौर ,गोवा सहित लगभग 50 ठिकानों पर दविश डाली। ये धड़ाधड़ कार्यवाही शनिवार की रात और रविवार के तड़के तीन बजे शुरु हुई थी। स्वाभाविक है कि आम चुनाव के इस मौसम में अचानक आयकर छापों की बाड़ ने सनसनी फैला दी, ये प्रदेश के इतिहास में संभवतः पहला अवसर है जब किसी वर्तमान मुख्यमंत्री से जुड़े उनके अत्यंत करीबियों पर छापा मार कार्यवाही हुई। इस पर जैसा कि अनुमान था कि राजनीतिक बयानबाजियों का तूफान खड़ा होगा, लगभग बैसा ही हो रहा है। दिल्ली से लेकर भोपाल तक जमकर बयानबाजी हो रही है, कांग्रेस ने जहां इसे भाजपा पर बदले की कार्यवाही बताया तो भाजपा ने जमकर मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस पर छापे में मिले करोड़ों रुपयों को कांग्रेस की चार महीनों की तबादला उधौग की काली कमाई बताया तो आज एक चुनावी सभा में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कमलनाथ पर कड़ा हमरा करते हुये उन्हें भ्रष्टाचार का "नाथ" तक कह डाला। हां स्वयं कमलनाथ का बयान जरुर संतुलित रहा। छापों के कुछ घंटों बाद उन्होने कहा था कि अभी ज्यादा कुछ कहना जल्दीबाजी होगी, अभी कार्यवाही चल रही है,शायद एक मुख्यमंत्री के स्तर पर यह ठीक भी था। इस प्रकरण में एक बात तो साफ है कि जिन्होने एक हकीकत पर बनी फिल्म "रेड" देखी है, वे जानते हैं कि इनकम टैक्स की रेड के सामने अच्छे-अच्छे रसूखदार बौने साबित हो जाते हैं, इसमें देश के सबसे बड़े तख्त पर बैठा हुआ शख्स भी बेबस नजर आता है, क्योंकि ऐसी कार्यवाहियां स्वयं आयकर विभाग अपने मुखविरों की ठोस सूचनाओं पर अंजाम देता है।
मगर जैसे ही आज दिन में एक बजे आयकर विभाग की टीम जांच उपरांत मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी प्रवीण कक्कड़ के निवास स्थान से विदा हुई ,बैसे ही कक्कड़ ने अपने यहां से आयकर विभाग को कुछ भी आपत्ति जनक नहीं मिला कहते हुये माननीय उच्च न्यायलय इंदौर की दौड़ लगा दी। उन्होने न्यायालय से फरियाद करते हुये कहा है कि उनके घर पर बलात् कब्जा कर टीम ने उनको एंव परिवार के अन्य सदस्यों कई घण्टे मानसिक रुप से प्रताणित किया है, और भी आरोप उन्होने लगाये हैं। फिलहाल कोर्ट किसी निर्णय पर नहीं पहुंची है। ये याचिका बताती है कि कहीं न कहीं आयकर की टीम गच्चा खा गई है,क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मुजरिम स्वयं चलकर न्याय के मंदिर में नहीं जाता है, और कक्कड़ गये हैं। हां इन छापों में जो किसी हवाले की रकम के सन्दर्भ में डाले गये थे, इसमें एक एनजीओ चलाने वाले और करीब 18 साल पहले एक छोटी सी दुकान चलाने वाला अश्वनी शर्मा व उसका दोस्त प्रतीक शर्मा जरुर नप गये हैं। भाजपा के 15 वर्षों के शासन काल में अश्वनी शर्मा रातों-रात अरबपति कैसे बन गये?जप्त उसकी विशाल संपति को देखते हुए आयकर विभाग चकीत है और हैरां है। 0001 नबंर की कई वीआईपी और लग्जरी कारों के मालिक शर्मा के यहां एक दर्जन रेंजरोवर, मर्सिडीज, और जैगुआर गाड़ियां जप्त हुई हैं, तो टाईगर, काला हिरण इत्यादी जानवरों की प्रतिबंधित और मंहगी खालें और उससे बना सामान भी बरामद हुआ है। समझा जाता है कि आयकर अधिकारियों को अपने आपको भाजपा नेता बताने वाला प्रतीक शर्मा पूर्व की भाजपा सरकार में तो रसूखदार था ही और अब कांग्रेस सरकार में भी उसका कद बड़ा हुआ है। बहरहाल इस चुनावी मौसम में आयकर छापों ने जहां राजनीतिक आसमां का तापमान बढ़ा दिया है तो एक बार फिर दोनों दलों में चुनावी तकरार और निशाने साधने के लिए उनके तरकश में नये तीरों का जखीरा भर दिया है।कहा जा सकता है कि चुनावी बिसात पर छापों के कहर का असर चुनावों में भी देखा जा सकता है?
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