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चार हजार किसानों को मैसेज किए अव्यवस्थाओं के चलते खरीदी केंद्र पर उपज महज 1400 किसानों ने बेची

चार हजार किसानों को मैसेज किए अव्यवस्थाओं के चलते खरीदी केंद्र पर उपज महज 1400 किसानों ने बेचीसमर्थन मूल्य पर सरकार के द्वारा की जा रही खरीदी केंद्रों पर बारदाने की अव्यवस्था और फसल के बाज़ार भाव समर्थन मूल्य...


समर्थन मूल्य पर सरकार के द्वारा की जा रही खरीदी केंद्रों पर बारदाने की अव्यवस्था और फसल के बाज़ार भाव समर्थन मूल्य के आस-पास चलते हजारों किसानों द्वारा खरीदी केंद्रों के माध्यम से अपनी फसल को बेचा ही नहीं गया। भौंती में खरीदी के लिए दो केंद्र गेहूं के लिए और एक केंद्र चना के लिए बनाए गए हैं। इनमें से गेहूं बेचने के लिए 2400 किसानों को शासन द्वारा मैसेज भेजे गए थे पर अपनी फसल को बेचने के लिए मात्र 712 किसान ही केंद्र पर आए आज खरीदी का आखिरी दिन है। इन खरीदी केंद्रों पर अभी तक 46 हजार क्विंटल गेहूं खरीद की जा सकी है। केंद्र प्रभारी मंगलसिंह के अनुसार खरीदी शासन के नियमानुसार ही कि गई है। किसानों को मैसेज शासन स्तर से भेजे जाते हैं संभवतः कुछ किसान अपनी फसल बेचने ही नहीं आ सके हैं, क्योंकि बाजार में रेट भी बढ़ गए थे। वहीं किसान लालाराम का कहना था कि बारदाना की किल्लत के चलते हमने अपनी फसल को बाजार में ही बेच दिया है। चना, सरसों खरीदी केंद्र प्रभारी चिरौंजी लाल कुशवाह ने बताया कि चना सरसों की खरीदी के लिए शासन स्तर से 1623 किसानों के लिए मैसेज भेजे गए थे पर 524 किसान सरसों बेचने और 166 किसान चना बेचने खरीदी केंद्र पर आए। कुशवाह के अनुसार अभी तक साढ़े छह हजार क्विंटल सरसों व 1716 कुंटल चना की खरीदी की जा चुकी है। चना सरसों खरीद की अंतिम तारीख 31 मई निर्धारित की गई है। हालांकि किसान खरीदी केंद्र पर उपज बेचने कम ही आ रहे हैं। 

चना की खरीदी चालू रहेगी 

नगदी मिलने के कारण बाजार में बेची उपज 

खरीदी केंद्रों से समय पर नहीं हो रहा उठाव 
चना, सरसों खरीदी केंद्र प्रभारी के अनुसार अभी तक 8 हजार क्विंटल में से 12 हजार क्विंटल माल का उठाव हो सका है, जबकि गेहूं का 46 हजार क्विंटल में से 42 हजार क्विंटल का उठाव हो चुका है। 

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