एक ओर केंद्र सरकार जनता की हितैषी योजनाओं को पूर्णरूप से जनता तक पहुंचाने मे कोई कसर नही छोड़ रही है, वही धरातल पर योजनाओं को बुरी तरह पलीता लगाया जा रहा है। स्थिति यह है कि नगर के कियोस्क संचालक जनता से निर्धारित फीस से पांच गुनी तक फीस लेने के बाद भी उन्हें आयुष्मान कार्ड नहीं दे रहे हैं, जिससे न केवल ग्राहक कियोस्क संचालकों के चक्कर लगाने को मजबूर बने हुए हैं बल्कि अपनी जेब खाली कर अतिरिक्त पैसा देकर ठगी के शिकार भी हो रहे हैं। ग्राहकों के अनुसार आयुष्मान भारत योजना के रजिस्ट्रेशन करने के नाम पर कियोस्क चालक 30 से 100 रुपए ले रहे हैं जबकि शासन ने इसकी 10 रुपए फीस निर्धारित की है।
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