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मध्य प्रदेश: बीजेपी के विधायक बने सांसद और फायदा हो गया कांग्रेस का!

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के एक प्रत्याशी की जीत ने सूबे में कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया है। दरअसल, बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अपने एक विधायक को टिकट दिया और वह जीत भी गए।

हाइलाइट्स
  • मध्य प्रदेश में बीजेपी के एक विधायक के सांसद बनने के बाद कांग्रेस को हुआ फायदा
  • 230 सीटों वाली विधानसभा में अब 229 का संख्याबल, ऐसे में कांग्रेस को दिक्कत नहीं
  • 229 संख्या बल पर 115 विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी के पास अब अकेले ही बहुमत
  • बीजेपी विधायक इस्तीफा दे देते हैं तो कम से कम अगले 6 महीने कांग्रेस सरकार सेफ
भोपाल
राजनीति में कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जीत किसी और पार्टी की हो और फायदा किसी और को मिल जाए। मध्य प्रदेश में कुछ ऐसा ही समीकरण देखने को मिला है। दरअसल, मध्य प्रदेश के रतलाम से बीजेपी विधायक लोकसभा चुनाव में विजयी होकर सांसद बन गए। बीजेपी विधायक की जीत के साथ ही अब यहां विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति थोड़ी और मजबूत हुई है। 
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Archana Dash


दरअसल, रतलाम से बीजेपी विधायक जीएस दामोर को पार्टी ने लोकसभा का टिकट दिया और वह चुनाव जीते भी। अगर दामोर विधायक पद से इस्तीफा देते हैं तो विधानसभा में संख्याबल 229 का हो जाएगा (कुल 230 सीटे हैं)। यह स्थितकम से कम अगले छह महीने तक रहनी है, जबकि झाबुआ सीट पर उपचुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेस के पास 115 विधायकों के संख्याबल के साथ विधानसभा में पर्याप्त सीटें होंगी और उसे फिलहाल बाहर से किसी के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

पढ़ें: राहुल के इस्तीफे पर इस बार भावुक नहीं कांग्रेसी

पूर्व स्पीकर और बीजेपी नेता सीताराम शर्मा और पूर्व प्रमुख सचिव भगवानदास भी मानते हैं कि 229 संख्याबल होने पर कांग्रेस के पास 115 विधायकों के साथ अब पूर्ण बहुमत है। उधर, विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव जिन्होंने कई मौकों पर कहा कि सूबे में कमलनाथ सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, कहते हैं, 'हम कोई जल्दबाजी में नहीं हैं।'

'...तो कांग्रेस के पास होंगे पर्याप्त आंकड़े'
दामोर के इस्तीफे पर विधानसभा के आंकड़े कांग्रेस के पक्ष में जाने के सवाल पर बीजेपी नेता शर्मा कहते हैं, 'बिल्कुल, हमने तो इस बारे में सोचा ही नहीं था। अगर दामोर इस्तीफा देते हैं तो कांग्रेस के पास बहुमत के लिए अब पर्याप्त आंकड़े हैं।' हालांकि शर्मा यह भी जोड़ते हैं कि बीजेपी सूबे में कमलनाथ सरकार गिराने के लिए किसी भी तरह की कोशिश में नहीं जुटी है।

'हम सरकार गिराने की कोशिश में नहीं'
शर्मा आगे कहते हैं, 'जैसे कि हमारे नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम कमलनाथ सरकार को गिराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हां, अगर उनकी सरकार खुद गिरती है तो फिर हम उस स्थिति का आंकलन करते हुए जो उचित होगा, उस समय फैसला लेंगे। हालांकि यह सच है कि अब दामोर के इस्तीफा देने की स्थिति में फिलहाल कांग्रेस को बाहर से किसी के समर्थन की जरूरत भी नहीं है।'

'खुद गिर जाएगी कमलनाथ सरकार'
यह पूछे जाने पर कि क्या यह समीकरण देखने के बाद बीजेपी दामोर को लोकसभा भेजने की जगह विधायक के रूप में ही रखना पसंद करेगी, विपक्ष के नेता भार्गव कहते हैं, 'इस बात की अब कोई संभावना नहीं है। वे (कांग्रेस) खुद डरे हुए हैं। हमें कुछ करने की जरूरत ही नहीं है। उनके भीतर ही दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के बीच टकराव जारी है और जब यह खुलकर सामने आएगा तो सरकार खुद ही गिर जाएगी।'

कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन

उधर, सीएम कमलनाथ के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सालूजा कहते हैं, बिल्कुल जैसे ही दामोर इस्तीफा देंगे हम खुद ही पूर्ण बहुमत में होंगे। पर, यह देखना दिलचस्प होगा कि अब दामोर विधानसभा से इस्तीफा देते हैं या फिर लोकसभा से। बता दें कि फिलहाल कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनमें से तीन निर्दलीय, दो बीएसपी और एक एसपी के विधायक शामिल हैं।
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