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नरवाई में आग लगाने से गहराया चारे का संकट, पशु पलायन कर ले जाना मजबूरी

नरवाई में आग लगाने से गहराया चारे का संकट, पशु पलायन कर ले जाना मजबूरीभास्कर संवाददाता|कोलारस-पाेहरी कोलारस व पाेहरी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांवों में किसान हार्वेस्टर...



कोलारस व पाेहरी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांवों में किसान हार्वेस्टर से गेहूं कटवाने के बाद खेत में शेष बचे डंठल (नरवाई) में आग लगाकर नष्ट कर रहे हैं। जिससे न केवल क्षेत्र में बड़ी आगजनी की घटनाएं होने की आशंका बनी हुई है, बल्कि खेतों में उपलब्ध पोषक तत्व भी आग से खत्म हो रहे हैं। जबकि कृषि विभाग सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नरवाई में आग लगाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों से खेतों में आग लगाकर नरवाई न जलाने की कई बार अपील की जा चुकी है।

इसके बाद भी किसान इससे बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं क्षेत्र के पशुपालकों लावारिस पशुओं के लिए चारे का संकट बना हुआ है। ऐसे में नरवाई में आग लगाने से पशुओं को और भी चारे का संकट पैदा हो रहा है। यदि इसी प्रकार नरवाई आग लगाकर नष्ट की गई तो जल्द ही पशु पालक अपने पशुओं को लेकर चारे के आभाव में पलायन करने को मजबूर होंगे।

किसानों द्वारा नरवाई में लगाई गई आग।

आग से पशुओं को चारे की कमी,पर्यावरण को भी हो रहा नुकसान फिर नहीं मान रहे किसान अधिकतर फसलों के भूसे का उपयोग चारे के रूप में होता है। फसल कटाई के बाद फसलों के अवशेष जलाने से कम से कम 10 क्विंटल भूसा प्रति एकड़ नष्ट हो जाता है। फसल अवशेष जलाने से कई बार हादसे भी हो जाते हैं। आग खेतों से फैलती हुई दूसरे किसान के खेत तक पहुंच जाती है। अंचल में हजारों हेक्टेयर क्षेत्र की फसल कटाई के बाद सफाई के नाम पर नरवाई जलाई जा रही है। यह नरवाई न सिर्फ खेती की मिट्टी बल्कि वायुमंडल को भी नुकसान पहुंचा रही है। इसकी आग में हजारों जीव जंतु छटपटाते हुए दम तोड़ रहे हैं। जागरूकता के अभाव में किसान खेतों की उर्वरता को नष्ट कर रहा है। वहीं हवा व आंधी से आग लगने का खतरा भी बना हुआ है। इसके साथ ही कई बार जिले में नरवाई जलाने के दौरान कई जगह पर आगजनी की घटनाएं हुई हैं।

नरवाई में आग लगाने से होते है पोषक तत्व नष्ट कृषि विभाग के अधिकारियों की माने तो किसान अपने खेत में हार्वेस्टर से फसल कटवाने के बाद खेत में आग नहीं लगाने चाहिए। इससे न केवल जानवरों का चारा नष्ट होता है। बल्कि खेत में मौजूदा पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते है। इतना ही नहीं खेत की नरवाई के साथ जुताई कर खेत में मिलाने से नरवाई खाद का कार्य करती है। किसान इसे जलाए नहीं, जिससे कभी- कभी बड़ी आगजनी की घटनाएं भी हो जाती हैं।

किसान नरवाई से भूसा बनाएं 
नोटिस करवाते हैं तैयार 

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