*प्रदीप तोमर,मोंटू
शिवपुरी जिले की पुलिस भले ही सी सी टी एन एस में नवम्बर वन बन गई हो पर जिले में रोज स्मेक बेचने वालों के नए अड्डे बन रहे है और इस स्मेक व्यापार ने सबसे ज्यादा नाबालिक बच्चो को अपनी गिरफ्त में ले रखा है ।कुछ ऐसे ही मामले देहात थाना में स्मेक कारोवारी व नशा करने वाले देखे जा सकते है जबकि पुलिस को सब मालूम रहेता है कि कौन कौन लोग इस कृत्य में शामिल है लेकिन पुलिस उन लोगो पर कार्यवाही करने से क्यो परहेज़ करती है ? यह भी एक बड़ा सबाल है सूत्रों की माने तो इसमें पुलिस और राजनैतिक संरक्षण का हाथ हो तो ये भी कोई बड़ी बात नही लेकिन यह भी देखना होंगा की आज किसी ओर का बच्चा इस नशे की गिरफ्त में आ रहा है कल आपका भी हो सकता है ? कही ऐसा तो नही है कि पुलिस की पूरी सरपरस्ती इन स्मेक कारोबारियों के साथ है
*एक बार नशे की लत लग जाये तो बर्बाद करके ही छोड़ता है स्मेक का नाश* ।
शिवपुरी में गांजा भांग का नशा तो पहले से ही था लेकिन स्मेक का नशा आने से नवयुवा पीढ़ी इस कृत्य में आने से उनकी नस्ल खराब हो रही है । और कुछ जिम्मेदार लोग अपने थोड़े से लालच के कारण आने वाली पूरी पीढ़ी को नसेलची बना रहे है । अरे भाई खुदा का थोड़ा तो ख़ौफ़ रखो । हो सकता है कि आने वाली पीढ़ी में आपके परिवार का भी कोई सदस्य इस जाल में फंस सकता है । अपने राम का तो यही कहना है इस नशे के कारोवार पर लगाम लगाए । 250 से लेकर 500 रुपये में बेचे जाते है टिकिट आपको बता दे कि जो स्मेक की पुड़िया है उसे टिकिट बोला जाता है और उसकी कीमत 250 से लेकर 500 रुपये इन नशे के कारोबारियों ने रखी है जिसे करने के लिए नव युबक चोरी,डकैती,लूट और अन्य घटनाये करने से भी परहेज नही करते ।
*दो थानों में होता है सबसे ज्यादा स्मेक कारोवार*।
ऐसा नही है कि स्मेक का कारोवार केवल शहरी क्षेत्र में ही है ग्रामीण क्षेत्रो में भी लोग इस नशे के शौकीन हो चके है लेकिन शिवपुरी में देहात थाना ओर कोतवाली क्षेत्र ऐसे है जहाँ यह व्यापार सबसे तेज़ अपने पैर पसार रहा है जिसमे सुभाष चौक , पुरानी शिवपुरी, कालीमाता मंदिर के पास , शितोले की कोठी, पशु अस्पताल , ईदगाह, नवाब साहब रोड ,महल रोड फतेहपुर, मनियर आदि एरिये में आपको किसी भी समय स्मेक बेचते व पीते लोग दिख जाएंगे । नशा करने वाले लोगों में युवा पीढ़ी बहुतायत है । पुलिस दिखावे के लिए छोटी मोटी कार्यवाही कर इतिश्री कर लेती है ।
0 टिप्पणियाँ