8 दिन से नहीं हुई बारिश, मड़ीखेड़ा बांध और 56 तालाब अभी भी खालीजिले में पिछले आठ दिन से बारिश नहीं हुई है। सावन का पहला दिन भी सूखा निकल गया। बारिश नहीं होने से किसानों के चेहरों...
जिले में 10 जुलाई से बारिश थमी हुई है। बारिश थमने के बाद किसानों ने चार-पांच दिनों में 100 फीसदी बोवनी कर दी है। अब बरसात नहीं होने से किसान चिंतित हैं। किसानों का कहना है कि यदि दो-तीन दिन और बारिश नहीं हुई तो छिड़क कर बोया का सोयाबीन का बीज खराब हो सकता है। ऐसे किसानों को फिर से बाेवनी करना पड़ सकती है। तापमान में भी 6 डिग्री तक का उछाल आया है। गर्मी से खेतों में पड़ा बीज खराब हो सकता है। वहीं मौसम केंद्र की मानें तो दो-तीन दिन में बारिश होने की पूरी संभावना है। फिलहाल किसानों की निगाहें आसमान पर मंडराते बादलों की तरफ टिकी हैं। बता दें कि कृषि विभाग ने इस साल जिले में खरीफ फसलों की बोवनी का रकबा 2 लाख 46 हजार हेक्टेयर रखा है।
वहीं जिले में 1 से 30 जून तक 46.37 मिमी यानी 5.68% औसत बारिश हुई थी। 2 से 9 जुलाई तक हुई बारिश के बाद 191 मिमी बारिश हुई। जबकि 10 जुलाई से बारिश नहीं हुई।
जिले में मानसून सक्रिय होने के साथ 2 से 9 जुलाई तक लगातार बारिश का सिलसिला चला, 10 जुलाई से जिले में बारिश नहीं हो रही मडीखेड़ा में आमोल पुल क्षेत्र में कम ही पानी आया है।
मड़ीखेड़ा बांध: अभी तक महज 1.90 मीटर पानी आया मड़ीखेड़ा अटल सागर बांध का जल स्तर बरसात से पहले गर्मियों में 331.10 मीटर दर्ज किया गया था। इस साल की बारिश से बांध में 1.90 मीटर पानी आया है। जबकि बांध का कुल भराव स्तर 346.25 मीटर है यानी अभी 13.26 मीटर पानी आने के बाद ही बांध पूरी तरह भर पाएगा। वहीं जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री ओपी गुप्ता के अनुसार जिले में जल संसाधन विभाग के प्रमुख तालाबों मं 5 से 10 फीसदी ही पानी भर पाया है। चार मीडिया तालाब जैसे महुअर, बुधना पारोंच, अकाझिरी शामिल हैं। वहीं अन्य प्रमुख 56 तालाब अभी खाली हैं। अन्य तालाबों का स्तर लेवल स्तर से भी नीचे है।
आगे क्या : टर्फ लाइन जगह पर आ रही, गरज-चमक के साथ बौछार के आसार: मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार टर्फ लाइन हिमाचल की तरफ चली गई थी जो अब वापस नॉर्मल जगह पर आ रही है। दो-तीन दिन में बारिश की संभावना है। ग्वालियर संभाग से बारिश शुरू होगी, फिर प्रदेशभर में बरसात होगी। गुरुवार से हल्की गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। वहीं उड़ीसा में कम दबाव का का क्षेत्र बन रहा है, जो 48 घंटे में बन जाएगा। इससे पूरे प्रदेश में बारिश होगी यानी जुलाई महीने के आखिरी सप्ताह में अच्छी बारिश की उम्मीद है।
बारिश नहीं हुई तो फसल उत्पादन प्रभावित होगा
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