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कोलारस तहसील में विद्युत विभाग की मनमानी मीटर लाइट नहीं होने पर भी किसानों को विद्युत विभाग द्वारा थमाए बिजली बिल।

विद्युत विभाग की मनमानी।

शिवपुरी, विद्युत विभाग का अजूबा सामने आया है, 19 जुलाई 2019 को लाडकरण के निवासी लोगों ने कोलारस एसडीएम कार्यालय व विद्युत विभाग कार्यालय में जाकर ज्ञापन सौंपा है , बिजली विभाग के अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं , चाहे वह बिजली कटौती में हो या फिर बिल भेजने में। विभाग को सालों से बिजली का बिल नहीं भेजा रहा है। जबकि जो लोग अंधेरे में जीवन यापन करने वालों बिजली का बिल भेजकर उनकी नींद हराम कर दी। 
 विद्युतीकरण योजना के तहत लोगों को कोई कनेक्शन नहीं दिया गया  है। ग्राम वासियों को 3000 -3000 का बिल थमा दिया।लाडकरण निवासी के लोगों ने  शिकायत की है कि उनका कोई कनेक्शन नहीं है फिर भी विभाग ने बिल भेज दिया है। लाडकरण निवासी बीरेंद्र धाकड़, बिंद्रा धाकड़, पप्पू धाकड़,  के अलावा दर्जनों के यहां भी विद्युत विभाग ने बिल भेज दिया है। बिल पहुंचने से लोगों की नींद हराम हो गयी है। जबकि एक साल से बिजली विभाग द्वारा विभाग बिना मीटर रीडिंग के मनमाना बिल भेज रहा है। लोगों का कहना है कि यदि मीटर रीडिंग की जाती तो सही  बिल आता। 
अगर सरकार के बिजली विभाग को लूट विभाग कहा जाए तो कोई अतिशोयक्ति नही होगी। यह सरकार का लूटैरा विभाग हैं,सरकार ने इस विभाग को जनता को लूटने के लिए रख रहा है।विभाग के द्धारा बिजली के बिलो का कोई नियम नही हैं। किस नियम से पैसे वसूले जा रहे हैं विभाग के अधिकारियो को भी जानकारी नही हैं।

अभी कोलारस में ऐसे बिजली के बिल आम जनमानस के पास पहुंचे है जिन्है देखकर बिजली विभाग के अपभोक्ताओ को करंट लग रहे हैं। कई तरह के चार्ज बिल में जोड़ तो दिए गए हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि आखिर यह पैसा किस चीज का उपभोक्ता के बिल में जोड़ा जा रहा है।

बिजली कंपनी का यह कारनामा सालों से चल रहा है। जिससे केवल घरेलू उपभोक्ता ही परेशान हैं। इसकी वजह यह है कि ऊर्जा प्रभार, नियत प्रभार और विद्युत शुल्क के नाम पर उपभोक्ताओं से जो राशि वसूली जा रही है। उसके संबंध में उपभोक्ता तक को मालूम नहीं है कि यूनिट चार्ज के अलावा किस बात के लिए इतनी मोटी रकम वसूली जा रही है जिससे उपभोक्ताओं को हर माह हजारों का चूना लग रहा है। मोटे मोटे बिलों के बोझ से दबे हुए उपभोक्ता अपना बिल लेकर बिजली कंपनी के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं हैं।

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