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सहरिया जनजाति के परिवारों के आर्थिक स्थिति में सुधार लाने हेतु मुर्गी एवं बकरी पालन से जोड़े


   कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने शासन की विभिन्न स्वरोजगार मूलक योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सहरिया जनजाति आर्थिक रूप से पिछड़ी हुई होने के कारण इन समूदाय के लोगों के आर्थिक स्तर पर सुधार लाने के लिए बैंको के सहयोग से मुर्गी पालन एवं बकरी पालन जैसे व्यवसायों से जोड़ने हेतु सहरिया जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में मुर्गी पालन हेतु बड़ी संख्या में पोल्ट्री फार्म भी बनाए जाए। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने उक्त आशय के निर्देश आज स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को दिए। 
    जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एच.पी.वर्मा, अपर कलेक्टर श्री आर.एस.बालोदिया सहित जिला अधिकारीगण एवं सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी उपस्थित थे। 
    कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने बैठक में मुख्य स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण युवा उद्यमी जैसी स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि यह देखने में आ रहा है कि स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं में एक ही प्रकार के व्यवसाय एवं सेवा से संबंधित जैसे कपड़ा दुकान, किराना दुकान, आटा चक्की आदि के प्रकरण स्वीकृत किए जा रहे है। जबकि इन व्यवसायों एवं सेवा से संबंधित दुकाने पहले से ही पर्याप्त संख्या में है। हमें क्षेत्र की आवश्यकता एवं ऐसे सेवा या व्यवसाय से संबंधित स्वरोजगार के प्रकरण चयन करने है जिससे हितग्राही की आर्थिक स्थिति में सुधार आ सके। इसके लिए जिले में कृषि उत्पादों पर आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण की इकाईयां, खाद, बीज की दुकाने, किराए पर किसानों को दिए जाने वाले कृषि यंत्रों की इकाई, ब्यूटीपार्लर, कम्प्यूटर प्रशिक्षण, ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन हेतु ऑटो एवं मिनीबस के प्रकरण आदि तैयार करने के निर्देश दिए। 
    कलेक्टर ने कहा कि जिले में सहरिया जनजाति आर्थिक रूप से काफी पिछड़ी है, उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने हेतु सहरिया जनजाति के परिवारों को स्वरोजगार योजना में पॉल्टी फार्म के तहत देशी मुर्गियों की यूनिट, अण्डा विक्रय इकाई, बकरी पालन संबंधी व्यवसाय के प्रकरण, सहरिया विकास अभिकरण एवं स्वसहायता समूह के माध्यम से बैंको से स्वीकृत एवं वितरण की कार्यवाही कराए। 
    श्रीमती अनुग्रहा पी ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (आईटीआई) शिवपुरी के प्राचार्य को निर्देश दिए कि आईटीआई द्वारा विभिन्न ट्रेडो में जो छात्र उत्तीर्ण होकर निकले है, उनकी बैठक आयोजित कर संबंधित व्यवसाय के प्रकरण तैयार कर बैंको से समूह में वितरण की भी कार्यवाही करें। 
    कलेक्टर ने महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले के ऐसे आंगनवाड़ी केन्द्र भवन जहां बाउण्ड्री बॉल है, उन केन्द्रों में खाली भूमि पर सेजना के पौधे रोपित कराए। जिससे आंगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों को भविष्य में सेजना की फलियों से पर्याप्त प्रोटीन मिल सके। 

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