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आप भी आयुष्मान योजना के लाभार्थी हैं तो ये खबर आपके काम की है, मरीज संभालकर रखें दवाओं का बिल न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर

आयुष्मान योजना
आयुष्मान योजना - फोटो : सोशल मीडिया
कानपुर के हैलट के न्यूरो साइंसेज के वार्ड नंबर चार के बेड नंबर 25 पर भर्ती रोगी रुखसार आयुष्मान लाभार्थी हैं। उसे कुछ दवाएं तो अस्पताल से मिल जा रही हैं लेकिन कुछ बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। कभी-कभी इसमें वीगो भी शामिल होता है।
रोगी का इलाज डॉ. राघवेंद्र गुप्ता कर रहे हैं। रोगी के भाई जाने आलम का कहना है कि कुछ दवाएं तो अस्पताल से मिल जा रही हैं और कुछ को हैलट के अंदर चल रहे मेडिकल स्टोर और कुछ दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती हैं।

रुखसार का यह मामला अकेला नहीं है। हैलट, उर्सला और दूसरे सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने वाले रोगियों को यह दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे रोगी और उनके तीमारदार एक बाद का ध्यान रखें, वे जो भी दवाएं खरीद रहे हैं, उनका बिल सुरक्षित रखें। इलाज पूरा होने के बाद बिल अस्पताल की आयुष्मान डेस्क के पास जमा कर दें। जो दवाएं उन्होंने खरीदी हैं उनका भुगतान मिल जाएगा।

आयुष्मान के जिला शिकायत प्रबंधक आशीष दीक्षित ने बताया कि रोगी को भुगतान अस्पताल को मिलने वाले पैकेज के क्लेम से दिया जाएगा। पैसा दिलाने की जिम्मेदारी अस्पताल के आयुष्मान योजना प्रभारी की हैं। उन्होंने बताया कि योजना की नियमावली में यह व्यवस्था पहले से है। वैसे योजना कैशलेस है। अगर रोगी को दवा खरीदने की नौबत आती है तो भुगतान की व्यवस्था है।

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