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मध्य प्रदेश के लोगों को झटका, 7 फीसदी महंगी हुई बिजली

भोपाल। पेट्रोल के दाम बढ़ने के बाद अब प्रदेश की जनता को बिजली का झटका लगा है। बिजली कंपनी ने प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की है। प्रदेश में 12 फीसदी तक बिजली महंगी करने का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन आयोग ने सात फीसदी वृद्धि करने की अनुमति दी है। विधानसभा चुनाव से पहले कंपनी ने देढ़ फिसदी का इजाफा करने का दावा किया था। लेकिन चुनाव बाद कंपनी ने जनता को तगड़ा झटका देने का मन बना लिया है। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने सात फीसदी पर हरी झंडी दी है। 
प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली कंपनियों ने करंट का जोरदार झटका दिया है। गुरुवार देर रात मप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत टैरिफ में प्रदेश में बिजली के दामों में 5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है।
विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2019.20 के लिये घोषित नये टैरिफ में विभिन्न श्रेणियों में बिजली के दामो में 7 प्रतिशतए घरेलू तथा गैर घरेलू श्रेणी में 5 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है है। विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की नई दरों की घोषणा के साथ ही 51 से 100 यूनिट के पुराने स्लैब को खत्म कर 51 से 150 यूनिट का नया स्लैब लागू किया है।

विद्युत नियामक आयोग द्वारा घोषित नया विद्युत टैरिफ.
50 यूनिट तक. 4.05 रुपये प्रति यूनिट
51 से 150 यूनिट तक. 4.95 रुपये प्रति यूनिट
151 से 300 यूनिट तक. 6.30 रुपये प्रति यूनिट
300 यूनिट से अधिक. 6.50 रुपये प्रति यूनिट
घरेलू उपभोक्ताओं के खपत प्रतिमान को दृष्टिगत रखते हुए आयोग द्वारा 51 से 100 यूनिट स्लैब की पुनर्संरचना की गई है तथा नवीन स्लैब अब 51 से 150 यूनिट के लिए लागू होगा। इसके अलावा कृषि- राज्य शासन द्वारा प्रदाय की जा रही सब्सिडी के फलस्वरूप 10 हार्स पावर तक के फ्लैट रेट कृषि उपभोक्ताओं को मात्र रू. 700/- प्रति हार्स पावर प्रति वर्ष की दर से भुगतान करना होगा। 10 हार्स पावर से अधिक के कृषि उपभोक्ताओं को राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी के उपरांत मात्र रू. 1400/- प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष की दर से भुगतान करना होगा। 

ऐसा है फिक्स जार्च
बिजली कंपनी ने फिक्स जार्च बिल में ऊर्जा प्रभार के साथ जुड़कर आता है। अभी उपभोक्ता को 101 यूनिट से 300 यूनिट तक खपत पर शहर में 90 और गांव में 65 रुपए जार्च देना होता था। इसमें अब बदलाव किया गया है। अब 50 यूनिट तक शहरी क्षेत्र में 60 रुपए और ग्रामीण इलाकों में 45 रुपए चार्ज देना होगा। 51 से 150 यूनिट के लिए 100 रुपए शहरी और 80 रुपए ग्रामीण कनेक्शन पर देना होगा। 101 से 300 यूनिट के लिए 23 रुपए प्रति 0.1 किलोवाट और ग्रामीण के लिए 20 रुपए प्रति आधा किलोवाट पर देना होगा। 
बिजली कंपनी ने फरवरी 2019 में मप्र विद्युत नियामक आयोग को टैरिफ प्रस्ताव भेजा था। बिजली कंपनी ने पिछले 23 और 25 मई को रिव्यू पिटीशन दायर की था। जिसमें 4098 करोड़ का घाटा बताते हुए 12 फीसदी बिजली के दाम बढ़ाने की सिफारिश की गई था। सूत्रों की माने तो साल नवंबर 2018 में मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने टू-अप पिटीशन दायर कर 3837 करोड़ रुपए का घाटा दर बढ़ाकर मांगा था। जिसे आयोग ने मंजूर किया है। इसी के बाद दाम बढ़ाने की तैयारी हुई।

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