नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया। इसके अलावा उन्होंने राज्य के पुन्रगठन का प्रस्ताव भी पेश किया। जिसके बाद से अब जम्मू-कश्मीर राज्य नहीं रहा। इसे दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्से में जम्मू-कश्मीर है जहां विधानसभा होगी। वहीं दूसरे हिस्से में लद्दाख होगा जहां विधानसभा नहीं होगी। यह पूरी तरह से केंद्र शासित प्रदेश होगा।
इसे लेकर राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ने के आसार हैं जिसे लेकर सेना और वायुसेना को हाईअलर्ट पर रखा गया है। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, असम और देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 8,000 पैरामिलिट्री टुकड़ियों को कश्मीर घाटी भेजा गया है। जवानों को भेजे जाने का कार्य अब भी जारी है। वहीं भारतीय सेना और वायुसेना को हाईअलर्ट पर रखा गया है।
अधिकारियों ने कहा कि देश में विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में सभी सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को आवश्यक सावधानी बरतने और विशिष्ट परिसरों में जारी गतिविधियों के संरक्षण करने के निर्देश दिए हैं। अक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, देश भर के सभी सुरक्षा बलों को, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में स्थित उनकी इकाइयों को हाई अलर्ट मोड पर बने रहने की सलाह जारी की गई है।
गृह मंत्रालय का अलर्ट किसी भी महत्वपूर्ण घटना के विश्लेषण बाद किए गए सामान्य इनपुट पर आधारित है। यह निर्देश इसलिए जारी किया गया है क्योंकि सोमवार को गृहमंत्री ने राज्यसभा में धारा 370 को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया है और कुछ दिनों में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। जिसका असर राज्य की कानून व्यवस्था पर पड़ सकता है।
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