Music

BRACKING

Loading...

फसल में कीट एवं रोगों पर नियंत्रण कर प्राप्त करें अधिक उत्पादन

सोयाबीन फसल में कीट एवं रोगों पर नियंत्रण कर प्राप्त करें अधिक उत्पादन 
------
शिवपुरी | 06-सितम्बर-2019  भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर द्वारा शिवपुरी जिले के किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि सोयाबीन फसल में कीट एवं रोगों पर नियंत्रण कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते है।  
   किसान कल्याण तथा कृषि विकास के उपसंचालक श्री यू.एस.तोमर ने बताया कि इस वर्ष निश्चित अंतराल पर बारिश होने से लगभग सभी फसलों की वृद्धि अच्छी है, सोयाबीन की फसल भी फूल एवं फली बनने की अवस्था पर आने वाली है। इस समय फसल पर कीट एवं रोगों का भी असर देखने में आ रहा है। वर्तमान समय में सोयाबीन फसल में चने की इल्ली, सेमीलूपर इल्ली, सफेद मक्खी तथा गर्डल बीटल आदि कीटों का आक्रमण देखने में पाया जा रहा है। कीटों के प्रकोप के अलावा माइरोथिसियम लीफ स्पॉट, एन्थ्रेकनोज, एरियल ब्लाईट, चारकोल रॉट तथा पीला मोजेक रोग के लक्षण भी सोयाबीन फसल पर देखे जा रहे है।
   श्री तोमर ने बताया है कि कीटों को प्रकोप से बचाने के लिए किसान कीटनाशक औषधियों का छिड़काव कर सकते है। इसमें चने की इल्ली एवं सेमीलूपर के लिए क्वीनालफास 25 ई.सी.- 1500 एम.एल.प्रति हेक्टेयर या इन्डोक्साकार्ब 14.5 एस.सी.300 एम.एल.प्रति हेक्टेयर या फलूबेन्डीयामाईड 39.35 एससी. 150 एम.एल.प्रति हेक्टेयर या फलूबेन्डीयामाईड 20 डब्ल्यू.जी. 250 से 300 एम.एल.प्रति हेक्टेयर या स्पायनोटेरम 11.7 एस.सी.450 प्रति हेक्टेयर का 500 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करें।
   फसल में सफेद मक्खी, तना मक्खी एवं पत्ती खाने वाली अन्य इल्लियों के प्रकोप होने पर बीटासायफलूथीऩइमिडाक्लोडी 350 मि.ली. प्रति हेक्टेयर अथवा थायमिथॉक्सम़लेम्बडा सायहेलोथ्रीन 125 मि.ली. प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। गर्डल बीडल में थाइक्लोपीड 21.7 एससी 650 मि.ली. हेक्टेयर या प्रोफेनाफॉस 50 ई.सी. 1.25 ली. या ट्रायजोफॉस 40 ई.सी. 800 मि.ली.हे. की दर से छिड़काव करें। माइरोथिसियम लीफ स्पॉट, एन्थ्रेकनोज, एरियल ब्लाईट, चारकोल रॉट का प्रकोप होने पर टैबूकोनाजोल 625 मि.मी.हे. या टैबूकोनाजोल़सल्फर 1 कि.ग्रा.हे.या हेक्साकोनाजोल 500 मि.ली.हे. को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। पीला मोजेक बीमारी को फैलाने वाली सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए खेत में यलो स्टीकी ट्रेप का प्रयोग करें, रोग से ग्रेसित पौधो को खेत से निकालकर नष्ट कर दें। रोग की तीव्रता अधिक होने पर थायोमिथाक्सम 25 डब्ल्यू.जी. की 100 ग्राम मात्रा को 500 ली.पानी में मिलाकर प्रति हेक्टयर छिड़काव करें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ