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पानी का पूर्ण सदुपयोग किया जाना आवश्यक - कलेक्टर नहर की साफ-सफाई तथा मेंटेनेंस बेहतर कराने के निर्देश, जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित श्योपुर |

कलेक्टर श्री बसंत कुर्रे की अध्यक्षता में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आज कलेक्टर कार्यालय श्योपुर के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि पानी का पूर्ण सदुपयोग किया जाना अति आवश्यक है, पानी किसी भी प्रकार से व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि नियत समय में नहरों की साफ-सफाई तथा मेंटेनेंस बेहतर कराने के निर्देश संबधित विभागीय अधिकारियों को दिए।
      आयोजित बैठक में ईई डब्ल्यूआरडी एवं सचिव जल उपयोगिता समिति श्री सुभाष चंद्र गुप्ता, जिले के जल संसाधन विभाग के सभी एसडीओ, जिला जल उपयोगिता संस्था समिति के अध्यक्ष, विभागीय अधिकारी, सब इंजीनियर्स, उपस्थित थे।  
      कलेक्टर श्री बसंत कुर्रे ने जिला जल समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष बारिश अच्छी हुई है, जिससे गांधी सागर एवं अन्य सभी बांध, तालाबों में पर्याप्त मात्रा में पानी भरा हुआ है। साथ ही उन्होंने सिंचाई के लिए जलाशयों से निस्तार जल, नहरों की मरम्मत और रख रखाव को सर्वोच्च प्राथमिकता से कराने के निर्देश बैठक में दिए। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि नहरों की समय रहते साफ-सफाई प्रभावी ढंग से की जावे। जिससे नहरों का पानी सिंचाई के लिए अंतिम छोर तक के किसान को मिले।
      कलेक्टर ने कहा कि पानी का उपयोग फसल की जरूरत के हिसाब से होना चाहिए। उन्होंने बताया कि संभवतह् 15 अक्टूबर से कोटा बेराज से नहर में पानी छोड़ा जावेगा। इसी प्रकार बैठक में जिला जल उपयोगिता संस्थाओं के अध्यक्षों से नहरों की साफ-सफाई, मेंटनेंस से संबंधित समस्याओं पर चर्चा की।
      ईई डब्ल्यूआरडी एवं सचिव जिला जल उपयोगिता समिति श्री सुभाष गुप्ता ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि गांधी सागर बांध से नहरों में सिंचाई हेतु जल प्रवाह किया जाता है। जिसका पूर्ण जलस्तर 1312 फीट क्षमता 5.9367 मिलियन एकड फीट है। जिसके विरूद्ध वर्तमान में जलस्तर 1311.26 फीट क्षमता 5.700 मिलियन एकड़ फीट है। उन्होंने बताया कि पार्वती एक्वाडक्ट पर चंबल दाहिनी मुख्य नहर की जलप्रवाह क्षमता 3900 क्यूसेक है।
      इसी प्रकार रबी सत्र 2019- 20 के लिए पानी मिलने की पूरी संभावना है। इससे जल संसाधन संभाग श्योपुर की रूपांकित सिंचाई क्षमता 45725 हेक्टेयर के विरूद्ध 50800 हेक्टयर क्षेत्र में सिंचाई, आवदा बांध से 9000 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई, जिले में 12 नं. लघु तालाब/स्टापडेम है जिनसे कृषि योग्य 2400 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई, इस तरह कुल 62200 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई करने का लक्ष्य रखा गया है।

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