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मैं जब जब किसी प्यासे को देखूं तो मैं पानी बन जाऊं

दतिया
मैं जब जब किसी प्यासे को देखूं तो मैं पानी बन जाऊं,,
आज हम आपको मिलवाते है एक ऐसे शख्सियत से जो ना जाने कई वर्षों से निस्वार्थ भाव से समाज सेवा करते नजर आते हैं,,
कभी रक्त दान तो कभी सर्दियों में कम्बल बाटते नज़र आते है,,
तो गर्मियों में पायसो की प्यास बुझाते नजर आते है,,
तो कभी गरीब आशय लोगो को भोजन कराते हुए,,
कभी बच्चो की होठों की मुस्कान बनते हैं पुस्तक एक किताब देते हैं,,
जी हां हम बात कर रहे हैं हम एक ऐसे समाज सेवी प्रशांत दांगी की
जब व्यक्ति जब लोग अपने अपने घरों रिश्तेदारी और त्योहारों की चमक दमक अपनो में  खो जाते हैं
रिश्तेदारों के साथ चले जाते हैं घूमने फिरने चले जाते है,,
तब यह प्रशांत भैया गरीब आशय लोगो की मुस्कान बनते हैं जिनका कोई नहीं होता है उनका प्रशांत भाई होता है ये अपने गरीबों के बीच पहुंचकर त्योहारों का आनंद उठाते हैं और उनके साथ त्यौहार मनाते हैं फिर चाहे वह होली हो दिवाली हो या आज रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर गरीबों को भोजन कराया,
शुभम दांगी शिवम गोस्वामी सोनु रजक आकाश पाठक रिया सोनी पंकज सेन हर्षित चंदबानी संजू शर्मा नयन गोस्वामी उपस्थित रहे

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