आरबीएसके ने दी मासूम के हृदय को धड़कन (खुशियों की दास्तां) |
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शिवपुरी | 03-अक्तूबर-2019 |
शिवपुरी में रहने वाले दीपक चौरसिया के घर में वर्ष 2017 में बेटे का जन्म हुआ। यह उनकी पहली संतान है। बेटे के जन्म से परिवार में सभी बहुत खुश थे। लेकिन सबकी आंखों का तारा न तो दूध पीता और न ही चलता-फिरता और बार-बार थककर बैठ जाता था। दिन व दिन उसकी तबीयत खराब होने लगी। लगातार बीमार रहने से परिवार के लोग चितिंत रहने लगे।
बेटे के बार-बार बीमार होने से माता-पिता ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.प्रियंका बंसल के पास बेटे को दिखाया। डॉक्टर ने उन्हें ग्वालियर कमलाराजा चिकित्सालय में उपचार कराने की सलाह दी। उपचार के दौरान बच्चें के हृदय की जांच कराई गई। जिसमें उसके दिल में छेद होने की पुष्टि होने तथा उपचार के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल ले जाने का परामर्श दिया गया। इलाज का उपचार बहुत मंहगा होने से पूरा परिवार बहुत परेशान हो गया। दीपक को यह चिंता होने लगी कि अब बच्चे का इलाज कैसे होगा और बच्चे की जान बचाने के लिए इलाज भी कराना जरूरी है।
इसी बीच उन्होंने डॉक्टर प्रियंका बंसल से बात की। चिकित्सक द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की जानकारी परिवार को दी गई। डॉक्टर की सलाह के बाद पूरे परिवार को एक उम्मीद दिखाई देने लगी। वे शिवपुरी आए और सीएमएचओ कार्यालय में स्थित आर.बी.एस.के. प्रोग्राम के दफ्तर पहुंचे। आरबीएसके कॉर्डिनेटर अखिलेश शर्मा ने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए तत्काल नोबल मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पीटल भोपाल भेजा, जहां बच्चें के उपचार के लिए शासन की योजना के अनुरूप एक लाख 50 हजार रूपए स्वीकृत किए गए। जिससे बच्चे का सफलता पूर्वक ऑपरेशन हो सका। बच्चे के पिता दीपक चौरसिया का कहना है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ने मेरे बच्चे की धकड़न फिर से दी है। मैं तो अपने बच्चे को बचाने की उम्मीद ही खो चुका था। उपचार के लिए इतनी राशि मेरे पास नहीं थी। परन्तु शासन की योजना ने मेरे परिवार की खुशी लौटा दी।
(सुश्री प्रियंका शर्मा)
सहायक संचालक |
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