*शिवरीनारायण मठ महोत्सव का हुआ भव्य शुभारंभ*
*श्री अवधपुरी धाम अयोध्या से पधारे हुवे आचार्य जी व्यासपीठ पर विराजित हैं*
मनुष्य ने जिस मूर्ति को बनाया है उसमें हम भगवान को देख लेते हैं लेकिन जिसे भगवान ने ही बनाया उसमें हम उनका दर्शन नहीं कर पाते वास्तव में इस जगत में प्रत्येक पुरुष में राम और स्त्रियों में सीता जी विराजमान हैं जिस दिन हमें संपूर्ण मानव जाति में सीताराम जी का दर्शन होना शुरू हो जाएगा उस दिन समझ लेना कि जीवन में भक्ति आ गई है यह बातें निकुंज आश्रम श्रीधाम अयोध्या से पधारे हुए जगतगुरु श्री रामानुजाचार्य श्री स्वामी रामकृष्णाचार्य जी महाराज ने शिवरीनारायण मठ महोत्सव में उपस्थित श्रोताओं को रामकथा का रसपान कराते हुए व्यासपीठ की आसंदी से अभिव्यक्त की। विदित हो कि महानदी के त्रिवेणी संगम तट पर युग युगांतर से विराजित भगवान श्री शिवरीनारायण की पावन धरा में शिवरीनारायण मठ महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। रामायण जी की आरती एवं भगवान शिवरीनारायण की विधिवत पूजा अर्चना के पश्चात अवधपुरी अयोध्या से आए हुए अनन्त श्री विभूषित आचार्य जी व्यास पीठ पर विराजित हुए, प्रथम दिवस उन्होंने रामायण के महात्म्य का विधिवत उल्लेख किया उन्होंने कहा कि हमारे यहां की सनातनी परंपरा रही है समस्त अध्यात्मिक ग्रंथों के शुभारंभ में मंगलाचरण का उल्लेख है श्री रामचरितमानस में भी आशीर्वादात्मक मंगलाचरण हैं। हमारे ही हृदय के अंदर ईश्वर बैठे हुए हैं किंतु हम उन्हें नहीं देख पाते! जब हमारे मन के भीतर श्रद्धा और विश्वास रूपी माता भवानी और भगवान भोलेनाथ विराजित हो जाएंगे तब उनकी कृपा से हम अपने हृदय के अंदर विराजित ईश्वर को देख सकेंगे। उन्होंने कहा कि एक वाक्य में रामचरितमानस की व्याख्या *विश्वास से विश्राम तक की यात्रा ही रामचरितमानस है* जिसने भी विश्वास पूर्वक मानस की यात्रा की है उसे अपने जीवन में विश्राम प्राप्त हुआ है, हमारे जीवन में चाहे कितना भी टेढ़ापन क्यों न हो यदि शंकर रूपी गुरु जीवन में मिल जाए तो हम भी जगत में पूज्य हो सकते हैं। संपूर्ण जगत में राम जी विराजमान हैं यह संपूर्ण जगत उनसे उत्पन्न है सत्य परमात्मा से उत्पन्न जगत असत्य हो ही नहीं सकता इस जगत से तरने का एकमात्र रास्ता भगवान रामचंद्र जी की चरणारविंद है इसके अलावा कोई भी रास्ता नहीं है इसीलिए संतों ने कहा है *जाऊं कहां तजि शरण तुम्हारे* हे परमात्मा मैं तुम्हारे शरण को तज कर कहां जाऊंगा? पुराण हमारे हृदय में भक्ति, निगम ज्ञान और आगम आस्था प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि दृष्टि खराब हो जाए तो आंखों के अस्पताल में ठीक हो सकता है लेकिन दृष्टिकोण खराब हो जाए तो सद्गुरु ही ठीक कर सकते हैं। हमारे जीवन में पाप हमारे आंखों के रास्ते से आते हैं आंखों की दोष को दूर करना हो तो गुरु के चरण के रज को अपनी आंखों में धारण करना होगा *जड़ चेतन गुण दोष मय विश्व किन्ह करतार* ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि को जड़, चेतन, गुण और दोष सभी को मिलाकर के रचा है संगति से सभी प्रभावित होते हैं इसीलिए संगति हमेशा संतों की करनी चाहिए धूल भी पवन का साथ पाकर आकाश में उड़ता है और जल की संगति से कीचड़ बन जाता है मनुष्यों ने जिस मूर्ति को बनाया है उसमें हम भगवान को देख लेते हैं किंतु जिसे भगवान ने ही बनाया उसमें हम भगवान का दर्शन नहीं कर पाते वास्तव में इस जगत में प्रत्येक पुरुष में सीताराम जी विराजमान हैं जिस दिन हमें संपूर्ण मानव जाति में सीताराम जी का दर्शन होना शुरू हो जाएगा उस दिन समझ लेना कि जीवन में भक्ति आ गई है। विद्वान आचार्य ने कहा कि अयोध्या शब्द का अर्थ है जहां कभी किसी प्रकार की लड़ाई झगड़ा ना हो भले ही अयोध्या के नाम पर लोग लड़ते झगड़ते हैं किंतु अयोध्या में लोगों के बीच केवल प्रेम ही प्रेम भरा है। यह नगरी पूरी दुनिया में जानी जाती थी, अब भी जानी जाती हैं कारण चाहे जो भी हो यह संपूर्ण सृष्टि की प्रथम राजधानी है शास्त्रों में लिखा है *या पूरी निर्गता स्वयं* । श्रोता तीन प्रकार के होते हैं आयोजक आलोचक आस्वादक, आस्वादक सर्वोत्कृष्ट श्रेणी का श्रोता है उन्होंने कहा कि हम अयोध्या के बालक हैं हम बचपन से ही सन्तों को राम कथा सुनाते आ रहे हैं लेकिन हमने अपनी जिंदगी में पहली बार परम पूज्य राजेश्री महन्त जी महाराज के जैसे श्रोता को देखा है जो एक चित्त होकर राम कथा का रसपान कर रहे हैं आयोजन बहुत लोग करते हैं लेकिन भगवान की भक्ति में तल्लीन होकर के कथा का रसपान करने वाले विरले ही होते हैं। मंच पर मुख्य यजमान के रूप में शिवरीनारायण पीठाधीश्वर राजेश्री डॉक्टर महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज हमेशा की तरह विराजित थे *24 नवंबर को शाम 3:00 बजे आएंगे विधानसभा अध्यक्ष उल्लेखनीय है कि शिवरीनारायण मठ महोत्सव में छत्तीसगढ़ विधानसभा के माननीय अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत जी राम कथा का रसपान करने सायं कालीन सत्र में उपस्थित होंगे प्राप्त जानकारी के अनुसार वह शाम 3:00 बजे कथा स्थल पर उपस्थित होंगे यहां यह उल्लेखनीय है कि शिवरीनारायण मठ महोत्सव का आयोजन 23 नवंबर से 1 दिसंबर तक आयोजित होगा।
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