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वक्त से पहले बूढ़े हो रहे हैं प्रदेश के लोग, प्रदूषित हवा बनी 12 फीसदी मौत की वजह


भोपाल : वायु प्रदूषण के कारण प्रदेश के लोग समय से पहले बुजुर्ग होते जा रहे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद की रिपोर्ट में प्रदूषित हो रही हवा को बीमारी की सबसे बड़ी वजह माना गया है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी पड़ताल में माना है कि प्रदूषण कई गंभीर बीमारियों का कारक बन रहा है। ये हवा लोगों के खून में टॉक्सिन पहुंचाकर उन्हें असमय बुढ़ापे की ओर ले जा रही है। इतना ही नहीं डायबिटीज,कैंसर और स्ट्रोक का कारण भी प्रदूषण बन रहा है। 12 फीसदी लोगों की मौत की वजह वायु प्रदूषण ही है।
प्रदेश के ग्वालियर और इंदौर जैसे शहर भी प्रदूषित शहरों की गिनती में आ चुके हैं। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरु किया है। इसके साथ मिलकर प्रदेश का स्वास्थ्य और पर्यावरण महकमा अपना एक्शन प्लान तैयार कर रहा है। इस एक्शन प्लान के तहत अगले पांच सालों में वायु प्रदूषण में तीस फीसदी तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। पर्यावरण विभाग ने लेागों को जागरुक करने का बड़ा अभियान भी शुरु किया है।

इन बीमारियों की वजह वायु प्रदूषण :
- श्वसन तंत्र में संक्रमण - 29 फीसदी
- फेंफड़ों का कमजोर होना - 29 फीसदी
- पाचन तंत्र में खराबी - 24 फीसदी
- स्ट्रोक - 7.5 फीसदी
- डायबिटीज - 7 फीसदी
- फेंफड़ों का कैंसर - 2 फीसदी
- मोतियाबिंद - 1.5 फीसदी
- चिड़चिड़ापन - 10 फीसदी
- आई सिंड्रोम - 10 फीसदी

वायु प्रदूषण दूर करने एक्शन प्लान :
हवा के प्रदूषण को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम यानी एनसीएपी शुरु किया गया है। इसमें केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार की भी भागीदारी है। सरकार ने अगले पांच सालों में 20-30 फीसदी वायु प्रदूषण में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत प्रदूषण की रोकथाम, प्रभावी नियंत्रण और उसमें कमी लाना, लोगों को प्रदूषण के प्रति जागरुक करना, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में बढ़ोत्तरी के लिए व्यापक प्रबंधन योजना बनाना और वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क बढ़ाना शािमल है।
इसके अलावा सरकार ने अस्पतालों में श्वसन संबंधी बिमारियों के लिए अलग विभाग तैयार किया है। अस्पतालों से लगातार इस संबंध में फीडबैक लिया जा रहा है। सरकार ने हाल ही में स्वास्थ्य एडवायजरी भी जारी की है। वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को दिखाने के लिए पोस्टर तैयार किए गए हैं। सरकार सोशल मीडिया, फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर भी अभियान चला रही है।

वायु प्रदूषण दूर करने केंद्र सरकार का फंड :
- साल 2008-09 - 2155695 रुपए
- साल 2009-10 - 3072500 रुपए
- साल 2010-11 - 3218389 रुपए
- साल 2011-12 - 3680000 रुपए
- साल 2012-13 - 5153583 रुपए
- साल 2013-14 - शून्य
- साल 2014-15 - शून्य
- साल 2015-16 - शून्य
- साल 2016-17 - 7984417 रुपए
- साल 2017-18 - 13586666 रुपए
- साल 2018-19 - 11577333 रुपए

- प्रदूषित हवा लोगों को बीमार बना रही है। हमारे विभाग की रिसर्च में भी ये सामने आया है। हेल्थ कमिश्रर को इसकी पूरी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। - तुलसी सिलावट स्वास्थ्य मंत्री

- हम स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। लोगों से अपील भी की है कि वे सरकार का सहयोग करें और वायु प्रदूषण दूर करने में अपनी भागीदारी दें। - सज्जन सिंह वर्मा पर्यावरण मंत्री -

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