एंटी करप्शन न्यूज़ । भारत त्योहारों का देश हैं। पुरे भारतवर्ष में कई त्यौहार मनाए जाते हैं इसलिए भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता हैं। हिन्दू त्योहारों में मकर संक्रांति त्यौहार का विशेष महत्व हैं। ये मुख्य रूप से सूर्यदेव की पूजा का पर्व है। ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति पर सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल सकता है और किस्मत चमक सकती है। मकर संक्रांति का पर्व अक्सर लगातार 13 व 14 जनवरी को मनाया जाता हैं। लेकिन इस बार मकर संक्रांति त्यौहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा।
तो आइए जानते हैं इसका कारण- ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस बार सूर्य, मकर राशि में 14 जनवरी की रात 02:07 बजे प्रवेश करेगा। इसलिए संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति से अग्नि तत्त्व की शुरुआत होती है और कर्क संक्रांति से जल तत्त्व की। इस समय सूर्य उत्तरायण होता है। इस समय किए जप और दान का फल अनंत गुना होता है। यह भी बता दें मकर संक्रांति को उत्तर भारत के कुछ इलाकों में खिचड़ी के पर्व के रूप में मनाते हैं तो वहीं दक्षिण भारत के तमिलनाडु व केरल में इसे पोंगल के रूप में मनाते हैं।
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