उसके संज्ञान में आया है कि नियम तय करने से पहले से ही देश में ड्रोनों का इस्तेमाल हो रहा है। उसने ड्रोन के मालिकों तथा ऑपरेटरों को एक मौका देते हुये कहा है कि वे 31 जनवरी तक ‘डिजिटलस्काईडॉटडीजीसीएडॉटजीओवीडॉटइन’ पर इन ड्रोनों के बारे में स्वैच्छिक घोषणा कर दें। पंजीकरण के बाद प्रत्येक ड्रोन को ‘ड्रोन एक्नॉलेजमेंट नंबर’ और प्रत्येक ड्रोन मालिक को ‘ओनरशिप एक्नॉलेजमेंट नंबर’ जारी किया जायेगा।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पंजीकरण का मतलब यह नहीं है कि ये ड्रोन नये नियमों के अनुसार, उड़ान भरने की पात्रता भी रखते हैं। पुराने ड्रोनों के पंजीकरण के लिए ‘अनुमति नहीं तो उड़ान नहीं’ प्रणाली अनिवार्य नहीं है। नये ड्रोनों में 250 ग्राम से कम वजन वाले ड्रोनों के लिए यह प्रणाली अनिवार्य की गयी है।
सूचना में यह भी कहा गया है कि 31 जनवरी तक पंजीकरण नहीं कराने पर ड्रोन रखना अवैध माना जायेगा तथा मालिकों पर आर्थिक दंड लगाया जायेगा।
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