भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को फिर एक पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री के पत्र में दिए गए तर्कों से असहमत शिवराज ने शराब की उपदुकानें खोलने का फैसला वापस लेने की मांग की है। शिवराज ने लिखा है महात्मा गांधी की 150वीं जयंति के मौके पर प्रदेश को नशामुक्ति की ओर ले जाना चाहिए न कि उसको मदिरा प्रदेश बनाना चाहिए। शिवराज ने लिखा कि मुख्यमंत्री ने 2010-11 में शराब की दुकानें बढ़ाने का जिक्र किया है लेकिन मैं आपको स्पष्ट कर दंू कि 2011 के बाद प्रदेश में शराब की एक भी नई दुकान नहीं खुलने दी।
मैंने धीरे-धीरे लेकिन ठोस तरीके से प्रदेश को नशामुक्ति की ओर ले जाने की नीति बनाई थी। शिवराज ने कहा कि आप शराब के खिलाफ अभियान चलाइये। मैंने एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर नई शराब नीति का विरोध किया है। मुख्यमंत्री ने मेरे पत्र का जवाब दिया इसके लिए धन्यवाद लेकिन उनका जवाब दुर्भाग्यपूर्ण है।
मैं कोई पत्र युद्ध नही चला रहा। शिवराज ने कहा कि सीएम ने एक टीम बना रखी है जो मेरे कुछ कहते ही कुतर्क शुरू कर देती है। शराब की जो उपदुकानें खुलेंगी उनमें क्या गन्ने का जूस बिकेगा, क्या गाय का दूध बिकेगा। शिवराज ने कहा कि सरकार शराब की होम डिलेवरी की तैयारी तो नहीं कर रही।
वहीं शिवराज सिंह चौहान के सीएम को दोबारा पत्र लिखने पर कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शराब माफिया के संरक्षक बनने का काम कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि प्रदेश में शराब माफिया खूब पनपे। सलूजा ने कहा कि नई नीति अवैध शराब की तस्करी और बिक्री रोकने के लिए लाई गई है।
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