
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के व्यापक विरोध के बीच योगी सरकार इस कानून को लागू करने पर एक कदम आगे बढ़ गई है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में रह रहे शरणार्थियों की पहचान करना शुरू कर दिया है. नागरिकता कानून के तहत नागरिकता की आस वाले लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है.योगी सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य के 21 ज़िलों में अब तक करीब 32 हज़ार ऐसे लोगों की पहचान कर ली गई है. ये सभी शरणार्थी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू है.
हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस तरह लोगों की पहचान करने के लिए किस प्रक्रिया को अपनाया गया.
श्रीकांत शर्मा ने बताया कि फिलहाल सूची को अपडेट करने का काम जारी है. इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को सर्वे करवाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने साफ किया कि इस सूची को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू हो जाएगी.
हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया ने सरकारी सूत्रों के हवालों से बताया है कि योगी सरकार ने शरणार्थियों की एक सूची गृह मंत्रालय को सौंप दी है. ख़बर के मुताबिक योगी सरकार ने 19 ज़िलों के 40 हज़ार शरणार्थियों की पहचान की है. सौंपी गई सूची में शरणार्थियों के प्रताणना की कहानी भी साथ में भेजी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक सबस ज्यादा शरणार्थी पीलीभीत ज़िले के है. बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को तीन दिन पहले ही राजपत्रित अधिसूचना के ज़रिये लागू कर दिया गया है, लेकिन उसके लिए नियम अभी तक नहीं बनाए गए हैं.
उत्तर प्रदेश उन राज्यों में शामिल है, जिनमें नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए. पिछले महीने ही पुलिस तथा प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में 21 लोगों की मौत हुई, 300 से ज़्यादा पुलिसकर्मी ज़ख्मी हुए.
लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बार बार साफ कह रहे है कि कानून को वापस नहीं लिया जाएगा.
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