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शिवपुरी में 20 से ज्यादा गौवंश की मौत पर गरमाई राजनीति, सरकार की गौ संरक्षण की नीति पर उठे सवाल


शिवपुरी। शिवपुरी जिले के दिनारा क्षेत्र के ग्राम छितीपुर में कुशाभाऊ ठाकरे पंचायत भवन में कैद 20 गायों की भूख-प्यास से मौत के मामलेे ने राजनीति रंग ले लिया है। इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत के साथ-साथ पशुपालन विभाग की लापरवाही भी सामने आ रही है। छितीपुर में 20 गौवंश की मौत के बाद अब कमलनाथ सरकार की गौवंश संरक्षण की नीति व हर ग्राम पंचायत में एक गौशाला खोले जाने नीति निशाने पर आ गई है कि ऐसे ही कांग्रेस सरकार में उपेक्षा के कारण गायों की मौत होती रही तो आगे कैसे गौसंरक्षण होगा। वहीं दूसरी ओर भाजपा  नेताओं ने भी इस मामले में निशाना साधा है और कहा है कि ऐसे ही केवल कागजी नीतियां बनाते रहे तो हो गया संरक्षण। गौ संरक्षण बोर्ड के पूर्व जिला उपाध्यक्ष यशवंत जैन ने कहा है कि इस पूरे मामले की जांच होना चाहिए।

भूख प्याा से मरीं गायें-
छितीपुर पंचायत भवन में 20 से ज्यादा गायों की मौत का मामला सामने आया है। अब अफसर यहां पर बचाव में आ गए हैं। बताया जाता है कि यहां पर पंचायत भवन में सैकड़ों की संख्या में गायों को कैद कर रखा गया था, लेकिन पिछले 15 दिनों से गौ-वंश को न तो चारा डाला गया और न ही पानी पिलाया गया। इस वजह से भूख और प्यास से तड़प-तड़प कर गायों की मौत हो गई। पंचायत के जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों ने इन बेसहारा मवेशियों के चारे और पानी का कोई प्रबंध नहीं किया। बताया जाता है कि यह पशु कभी-कभार किसानों के खेतों में खड़ी फसल को खा जाते थे। इस वजह से कुछ लोगों द्वारा बेसहारा मवेशियों को पंचायत भवन में कैद कर कर दिया गया। बाद में 20 से अधिक गायों की भूख प्यास से मौत हो गई।
सरपंच-सचिव ने पल्ला झाड़ा-
इस पूरे मामले में सरपंच शिमला रामनिवास लोधी एवं सहायक सचिव वेदव्यास से उनका पक्ष जाना गया तो उन्होंने कहा कि इन गौवंश को ग्रामीणों ने पंचायत भवन का ताला तोड़कर जबरदस्ती रखा गया था। इसमें उनका कोई दोष नहीं है। वहीं ग्रामीणों ने भी आरोप लगाए हैं कि पंचायत के कर्ताधर्ताओं के ऊपर पशुओं की मौत के आरोप लगाए हैं। 

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