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श्रीमद्भागवत कथा सात दिन की कथा नहीं यह जीवन की यथार्थ है-पं.विनोद दुबे


*एकांश पटेल & जितेंद्र तिवारी.... खबर ए प्रेस क्लब बिर्रा 9669803702*

*(व्यासपीठ महाराज श्री दुबे जी ने कथा का सारांश बताया और कहा कि कथावाचक भगवान के डाकिए हैं  )*

*✍बिर्रा-वास्तव में हम कथावाचक डाकिये का काम करते हैं।जो भगवान के लिए काम करते हैं। उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा को जीवन का यथार्थ बताया जिसे सात दिन में सुनाना-समझाना  मुश्किल ही नही नामुमकिन है।उक्त बातें श्री बमभोले रामलीला मंडली बिर्रा द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा। व्यासपीठ से आयोजक सहित सभी का आभार जताया और कहा कि भारी बारिश के वावजूद आपकी उपस्थिति और भागवत के प्रति समर्पण भाव यूं ही बना रहे। अंतिम दिवस सुदामा चरित्र का सुन्दर झांकी के साथ विस्तार से वर्णन करते हुए मित्र,सखा और दोस्ती की परिभाषा बताई गई।चढोत्री के बाद इस बीच फुलों की वर्षा कर संगीत के माध्यम से होली की गीत से अग्रिम शुभकामनाएं दी।फाग गीत पर उपस्थित श्रद्धालु झुमते नजर आए।इस अवसर पर आचार्य विरेन्द्र दुबे, भागवत प्रसाद पाण्डेय, जितेन्द्र तिवारी, मुख्य यजमान श्रीमती माहेश्वरी-मुकेश कश्यप, श्रवणकुमार कश्यप,तेरसराम, नंदलाल श्रीवास, लखनलाल देवांगन, राजकुमार कश्यप, गोवर्धन,सम्मेलाल यादव,बुद्धेश्वर कश्यप, रामकुमार, शांतिलाल नारद कश्यप,गाडाराय,श्रीमती मोहन कुमारी साहू,तीजूराम साहू,राजू देवांगन, सचिन केशरवानी,शशि सहित भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित थे।आज गीता पाठ,तुलसीवर्षा-यज्ञ-हवन-सहस्त्रधारा-पूर्णाहूति-ब्राह्मण भोजन के साथ श्रीमद्भागवत कथा का समापन होगा।*

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