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कुपोषण की जानकारी न देने पर डीपीओ को सूचना आयुक्त ने किया तलब shivpuri news


शिवपुरी। शहर में रहने वाले एडवोकेट अभय जैन ने महिला बाल विकास विभाग शिवपुरी से जिले में कुपोषण की स्थिति की जानकारी के लिए सूचना के अधिकार के तहत 9 मई 2019 को आवेदन दिया, लेकिन विभाग ने जिले में कुपोषित बच्चों की जानकारी नहीं दी तो आवेदन प्रथम अपील अपर कलेक्टर के यहां की, लेकिन उनके निर्देश देने के बाद भी जब जानकारी नहीं दी गई तो द्वितीय अपील मप्र सूचना आयोग में की, तो वहां से एक नोटिस डीपीओ (जिला कार्यक्रम अधिकारी) महिला बाल विकास विभाग शिवपुरी को जारी किया गया। जिसमें उन्हें सूचना आयुक्त ने 12 मार्च को भोपाल में तलब किया है।

ज्ञात रहे कि अभय जैन ने 9 मई 2019 को आरटीआई के अन्तर्गत शिवपुरी में कुपोषण से ग्रस्त बच्चों की सूची मांगी थी। तथा दूसरी आरटीआई में वर्ष 2014 से शिवपुरी जिले में कुपोषण से मृत बच्चों की जानकारी मांगी गई थी। जानकारी नहीं मिलने पर आवेदक द्वारा 19 जून 2019 को प्रथम अपील कार्यालय अपर कलेक्टर के समक्ष लगाई गई। कार्यालय अपर कलेक्टर (प्रथम अपीलीय अधिकारी) द्वारा 11 जुलाई 2019 को लोक सूचना अधिकारी, महिला बाल विकास को यह निर्देशित किया गया कि शिवपुरी जिले में कुपोषित बच्चे एवं कुपोषण से मृत बच्चों की जानकारी आवेदक को 15 दिन में निशुल्क उपलब्ध कराएं। अपर कलेक्टर के निर्देश के बावजूद तीन माह तक कोई जानकारी नहीं मिलने पर आवेदक द्वारा द्वितीय अपील मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में दायर की। आयोग द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला बाल विकास, शिवपुरी को 12 मार्च 2020 को सूचना आयुक्त डीपी अहिरवार के समक्ष सुनवाई के लिए तामील किया गया है। ज्ञात रहे कि शिवपुरी जिला पूरे देश में बच्चों के कुपोषण को लेकर कुख्यात है। शिवपुरी में 2012 के रिकॉर्ड के अनुसार 11,392 अति कुपोषित बच्चे थे और इनमें से सिर्फ 2629 ही पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किए गए थे। सहरिया समुदाय के बच्चों में कुपोषण सबसे ज्यादा पाया जाता है। जानकारी न देने के पीछे विभाग की मंशा यही है कि वो कुपोषण की वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं कराना चाहता।

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