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बलारपुर में लगाया प्रशासन ने शिविर, सुना विस्थापितों का दर्द shivpuri news


शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क एरिया में स्थित बलारपुर गांव में रहने वाले परिवारों को नया बलारपुर में विस्थापित करने के बाद भी सुविधाओं से महरूम परिवारों ने पिछले दिनों कलेक्ट्रेट में धरना देकर भजन गाए। जिसके चलते शुक्रवार को कलेक्टर, एसपी, एडीएम, जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य अधिकारी भी नया बलारपुर पहुंचे। जहां पर मामले की सुनवाई के बाद कलेक्टर का कहना है कि 39 में से 16 अपात्र हैं तथा शेष की हम जांच करवा रहे हैं। महत्वपूर्णबात यह है कि विस्थापित परिवारों को सुविधाएं देने के लिए मानव अधिकार आयोग भी आदेश कर चुका है।

ज्ञात रहे कि नेशनल पार्क के अंदर बलारपुर गांव से 100 परिवारों को नया बलारपुर में विस्थापित किया गया था। लेकिन इनमें से 39 परिवारों को रोजगार के लिए दो-दो हेक्टेयर कृषि भूमि नहीं दी गई तथा जिन्हें दी गई, वो जमीन भी कृषि योग्य नहीं है। जिसके चलते विस्थापित परिवारों के पुरुष खदानों पर काम करने की वजह से टीबी की बीमारी से ग्रसित होकर दुनियां छोड़ गए। जिसके चलते इस गांव में विधवा महिलाओं की संख्या भी 35 से अधिक है। विस्थापितों के इस दर्द के संबंध में जैनिथ संस्था के युवाओं ने मानव अधिकार आयोग में आवेदन दिया था। दो साल पूर्व मानव अधिकार आयोग ने प्रशासन को यह निर्देश दिए थे कि जमीन से वंचित 39 परिवारों को 3-3 लाख रुपए दिए जाएं तथा जिन परिवारों के मुखिया बीमारी के चलते दुनिया छोड़ गए, उन विधवा महिलाओं को अलग से दो-दो लाख रुपए दिए जाएं। प्रशासन ने मानव अधिकार आयोग के निर्देशों का भी दो साल तक पालन नहीं किया। जिसके चलते बीते तीन दिन पूर्व इन विस्थापित परिवारों ने कलेक्ट्रेट पर डेरा डाला था।

जिसके चलते शुक्रवार को कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी वहां पहुंचे, लेकिन उनके साथ माधव नेशनल पार्क का कोई जिम्मेदार अधिकारी न होकर विभाग का एक बाबू वहां गया था। जैनिथ के अभय जैन का कहना है कि इस शिविर में विस्थापितों के लिए जो गाइड लाइन कलेक्टर ने बताई, वो राजस्व भूमि से विस्थापितों के लिए थी, जबकि उक्त परिवारों को माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने विस्थापित किया था। जिसके चलते कई पात्र हितग्राहियों को भी प्रशासन अपात्रबता रहा है। अभय का कहना है कि यदि नेशनल पार्क का कोई जिम्मेदार अधिकारी वहां होता तो वो अपने नियम बताता, लेकिन प्रशासन पल्ला झाडऩे का काम कर रहा है।

हम नया बलारपुर गांव गए थे, वहां पर जिन 39 परिवारों की बात कही जा रही थी, उनमें 16 परिवार अपात्र हैं। जबकि शेष परिवारों के लिए हमने कह दिया है कि जांच करवा लेते हैं।
अनुग्रहा पी, कलेक्टर शिवपुरी

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