नई दिल्ली। हिंदुओं के दंडवत प्रणाम की परंपरा जिसे
वैज्ञानिकों ने पंडितों का ढोंग करार दिया था, अब सारी
दुनिया को कोरोना वायरस से बचाने के लिए मदद
कर रहा है। अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेट्री एंड
क्रिटकल केयर मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार
यदि वेंटीलेटर पर कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज को
दंडवत प्रणाम की स्थिति में लिटाया जाए तो उसकी
रिकवरी तेजी से होती है। चीन के वैज्ञानिकों ने भी
इस थ्योरी को मान्यता देते हुए अपने नागरिकों से
अपील की है कि वह पेट के बल सोने की कोशिश करें।
वैज्ञानिकों ने पंडितों का ढोंग करार दिया था, अब सारी
दुनिया को कोरोना वायरस से बचाने के लिए मदद
कर रहा है। अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेट्री एंड
क्रिटकल केयर मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार
यदि वेंटीलेटर पर कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज को
दंडवत प्रणाम की स्थिति में लिटाया जाए तो उसकी
रिकवरी तेजी से होती है। चीन के वैज्ञानिकों ने भी
इस थ्योरी को मान्यता देते हुए अपने नागरिकों से
अपील की है कि वह पेट के बल सोने की कोशिश करें।
चीनी शोधकर्ताओं ने अपनी हालिया रिसर्च में बताया है
कि ऐसे मरीजों को अगर उल्टा लिटाया जाए तो सांस
लेना आसान हो जाता है। ऐसी स्थिति में पेट के बल
लेट जाएं और मुंह को तकिए पर रखें। यह रिसर्च
कोरोनावायरस के गढ़ वुहान में इस वायरस से जूझ
रहे मरीजों पर की गई है।
कि ऐसे मरीजों को अगर उल्टा लिटाया जाए तो सांस
लेना आसान हो जाता है। ऐसी स्थिति में पेट के बल
लेट जाएं और मुंह को तकिए पर रखें। यह रिसर्च
कोरोनावायरस के गढ़ वुहान में इस वायरस से जूझ
रहे मरीजों पर की गई है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेट्री एंड क्रिटकल केयर
मेडिसिन में प्रकाशित शोध के मुताबिक, वेंटीलेटर
पर कोरोना पीड़ित का उल्टा लेटना फेफड़ों के लिए
बेहतर है। चीन में साउथवेस्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता
हैबो क्यू के मुताबिक, जब फेफड़ों पर सकारात्मक
दबाव बढ़ता है तो उनका व्यवहार बदलता है। ऐसी
स्थिति में मरीज राहत महसूस करता है।
मेडिसिन में प्रकाशित शोध के मुताबिक, वेंटीलेटर
पर कोरोना पीड़ित का उल्टा लेटना फेफड़ों के लिए
बेहतर है। चीन में साउथवेस्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता
हैबो क्यू के मुताबिक, जब फेफड़ों पर सकारात्मक
दबाव बढ़ता है तो उनका व्यवहार बदलता है। ऐसी
स्थिति में मरीज राहत महसूस करता है।
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