मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आरोपों के बीच एक बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण सरकार बनने से पहले ही फैल चुका था। शिवराज ने कहा कि इंदौर में फरवरी और मार्च के महीने में आश्चर्यजनक रूप से जो मौत के आंकड़े बढे, वह दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण से हुई मौतों से ही थे जिसकी ना तो जांच की व्यवस्था थी और ना ही किसी उपचार की। शिवराज ने कहा कि आंकड़े उठाकर देख लीजिए कि इंदौर में पेशेंट तीन या चार बस्तियों में ही एक साथ बढे।
भोपाल के बारे में शिवराज ने कहा कि यहां तबलीगी जमात के अलावा स्वास्थ्य विभाग भी एक बड़ा कारण रहा जिसके कारण कोरोना फैला। शिवराज ने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री बनने के पहले ही पूरा स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमित हो चुका था जिसके कारण हमें स्वास्थ्य संचालनालय को ही बंद करना पड़ा। उज्जैन में कोरोना फैलने का कारण शिवराज ने बताया कि वह क्योंकि इंदौर के पास था इसलिए वहां भी कोरोना वायरस फैला।
शिवराज ने अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया कि बीजेपी की सरकार बनने के पहले न कोई कोरोना टेस्ट हुआ था और ना ही कोई लैब आदि की व्यवस्था थी। अब हमने इस व्यवस्था को 1200 टेस्ट प्रतिदिन की व्यवस्था तक पहुंचा दिया है। इंदौर में अभी तक हम 3,90,000 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर चुके हैं। उसके साथ ही साथ प्रति 10 लाख लोगों पर 2100 लोगों का टेस्टिंग भी किया जा चुका है। शिवराज ने यह भी कहा कि अब टेस्ट जितने भी हो रहे हैं और अगर उसमें लोग पॉजिटिव भी आ रहे हैं तो उन्हें स्वस्थ भी काफी हो रहे हैं और यह अच्छा संकेत है।
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