शिवपुरी। जेल एक ऐसी जगह होती है, जहां कोई भी जाना नहीं चाहता, लेकिन शिवपुरी की पुरानी जेल में अब लोग सामान खरीदने व बच्चों की खेलकूद गतिविधियों के लिए जाएंगे, क्योंकि यहां स्थित महिला बैरकों में पुलिस कैंटीन शुरू कर दी।
कैंटीन का शुभारंभ शुक्रवार को कलेक्टर अनुग्रहा पी ने रिबिन काटकर किया। आर्मी कैंटीन की तर्ज पर पुलिस कैंटीन में भी सभी तरह की आवश्यक वस्तुएं रियायती दरों पर उपलब्ध रहेंगी। शुभारंभ अवसर पर एसपी राजेश सिंह चंदेल, एडीशनल एसपी गजेंद्र कंवर, आलोक एम इंदौरिया व आरआई भारत सिंह यादव भी मौजूद रहे।
कैंटीन के संबंध में जानकारी देते हुए एएसपी कंवर ने बताया कि यहां पर हम रजिस्टर रखवा रहे हैं, जिसमें पुलिस परिवारों द्वारा ली जाने वाली सामग्री का लेखा-जोखा तो रहेगा ही, साथ ही उनके ऑर्डर भी लिए जाएंगे। राशन सहित अन्य गृहस्थी की सामग्री मिलने के साथ ही कॉस्मेटिक एवं कपड़े-जूते आदि भी कैंटीन में मिल सकेंगे। कैंटीन में अभी जरूरत का सामान मिलेगा, फिर बाद में इसे बिग बाजार जैसा स्वरूप दिया जाएगा। इतना ही नहीं भविष्य में यहां पर झूले आदि भी लगाए जाएंगे, ताकि सामान लेने आने वाली महिलाओं के साथ आने वाले बच्चे यहां एंज्वाय कर सकें।
कैंटीन में इलेक्ट्रॉनिक आयटम भी मिलेंगे। इस मौके पर कलेक्टर ने कहा कि आप लोग पहले पुलिस परिवारों के बीच एक सर्वे करवा लें कि किस तरह का सामान लोगों की पसंद का है। सर्वे के बाद यह मालूम हो सकेगा कि लोगों की डिमांड क्या है, फिर उस सामान को कैंटीन में रखवाया जाए।
आर्कियोलॉजी की जगह पुलिस को मिला
शिवपुरी की पुरानी जेल के बारे में पहले बताया जाता था कि यहां की एक बैरक में 1857 की क्रांति के नायक तात्याटोपे को रखा गया था। इसलिए पहले इसे आर्कियोलॉजी को दिए जाने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन बाद में मालूम हुआ कि शिवपुरी की यह जेल 1857 की क्रांति के बाद बनी थी, इसलिए तात्याटोपे को इसमें रखे जाने का सवाल ही नहीं है। अब यह जेल पुलिस विभाग को दे दी गई।
शिवपुरी की पुरानी जेल के बारे में पहले बताया जाता था कि यहां की एक बैरक में 1857 की क्रांति के नायक तात्याटोपे को रखा गया था। इसलिए पहले इसे आर्कियोलॉजी को दिए जाने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन बाद में मालूम हुआ कि शिवपुरी की यह जेल 1857 की क्रांति के बाद बनी थी, इसलिए तात्याटोपे को इसमें रखे जाने का सवाल ही नहीं है। अब यह जेल पुलिस विभाग को दे दी गई।
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